केंद्रीय मंत्री ने भाजपा के स्थापना दिवस पर सरकार की उपलब्धियां गिनाई,पार्टी का इतिहास बताया

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बदायूं ।भाजपा के 45वें स्थापना दिवस पर मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री भारत सरकार बीएल वर्मा ने कहा 1951 में गठित जनसंघ से अलग होकर 6 अप्रैल, 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। भाजपा आज भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। यह संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले और प्राथमिक सदस्यता के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है।अपने वैचारिक अधिष्ठान के साथ विचारधारा के स्तर पर भाजपा एक राष्ट्रवादी पार्टी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ हमारे वैचारिक और संगठनात्मक संबंध हैं।राजनीतिक क्षेत्र में भाजपा की स्थापना युगांतकारी घटना मानी जाती है। भाजपा की स्थापना जरूर 1980 में हुई थी लेकिन इसकी बुनियाद स्वतंत्रता सेनानी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में ही भारतीय जनसंघ बनाकर कर दी थी। जनसंघ की तरह भाजपा का आरंभ काफी कठिनाइयों वाला रहा।1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या के बाद देश में जो आम चुनाव हुए थे उसमें भाजपा को महज दो सीटें मिली थी लेकिन आज 45 वर्ष में भाजपा न केवल तीसरी बार केन्द्र की सरकार में है अपितु 19 राज्यों में भाजपा सहयोगियों या बिना सहयोगियों के साथ सरकार में है।1980 में जब भाजपा की स्थापना हुई तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश में संगठन की अध्यक्षता माधव प्रसाद त्रिपाठी को सौंपी गई। वह 1980 से 1984 तक अध्यक्ष रहे। उनका कार्यकाल खत्म हुआ तो संगठन के बड़े नेता रहे कल्याण सिंह जी अध्यक्ष बने। वह 1984 से 1990 तक अध्यक्ष रहे। 1990 में राजेन्द्र गुप्त जी प्रदेश बने और उसके तुरंत बाद कलराज मिश्र जी प्रदेश के अध्यक्ष बनाये गये।इसके बाद राजनाथ सिंह जी कुछ समय तक अध्यक्ष रहे और उसके बाद प्रदेश संगठन को ओमप्रकाश सिंह का साथ मिला। आगे भी इसी तरह क्रम चलता रहा और बारी-बारी से कलराज मिश्र, विनय कटियार, केशरीनाथ त्रिपाठी, रमापतिराम त्रिपाठी, सूर्यप्रताप शाही, लक्ष्मीकांत बाजपेयी, केशव प्रसाद मौर्य, डा. महेद्र नाथ पांडेय और स्वतंत्रदेव सिंह ने उत्तर प्रदेश में संगठन की अध्यक्षता संभाली।इसके बाद अब तक मैं भूपेन्द्र सिंह चौधरी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भाजपा की सेवा में रत हूं। यह संगठन की महत्ता है कि, हम सभी सामन्य पृष्ठभूमि से आने वाले कार्यकर्ता पार्टी के सबसे बड़े पद को कार्यकर्ता आगे बढकर किसी भी जिम्मेदारी को संभाल सकता है यह प्रेरणा पार्टी में हर कार्यकर्ता को प्राप्त है। यह वैशिष्टय ही भाजपा को आज पूरे विश्व में प्रकाशित कर रहा है।भाजपा के अपने कई प्रकोष्ठ हैं। समाज के हर वर्ग के लिये भाजपा अपने प्रकोष्ठों के माध्यम से कार्यरत है। भाजपा का सबसे बड़ा सहयोगी संगठन है भारतीय जनता युवा मोर्चा अर्थाता भाजयुमो ।1980 में भाजपा बनने के बाद आज 45 वर्षों में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा किसान मोर्चा पिछड़ा मोर्चा, अनुसूचित मोर्चा बहुत मजबूत हो गया है। भाजपा के सभी मोर्चा मंडल स्तर पर संगठन का विस्तार कर चुके हैं।प्रदेश के सभी 1018 मण्डलों में आज भाजपा के सभी मोर्चा की पूरी टीम विद्यमान है 2/6 कं बड़ी ताकत मिलती है। प्रदेश के सभी 1018 मण्डलों में भाजपा की बडी टोली कार्यरत है जो अपने शक्तिकेन्द्र और बूथ तक पार्टी को आगे बढ़ा रही है।भाजपा ने संगठनात्मक दृष्टि से प्रदेश को 98 जिलों में बांटा है। इनमें से संठन पर्व के तहत निर्वाचित होकर आये 70 जिलाध्यक्ष की घोषणा पार्टी कर चुकी है।प्रत्येक तीन वर्ष पर भाजपा का संगठनात्मक चुनाव होता है। जैसे इस बार हो रहा है। जिसमें बूथ मंडल जिला और प्रदेश स्तर पर कार्यकर्ता चुनकर अपना नेता तय करते हैं। ऐसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया किसी दूसरे दल में आपको नहीं मिलेगी।पार्टी के पदाधिकारी प्रत्येक दिन अपने प्रवास के समय सभी से मिलते जुलते थे। उनके दुःख-सुख में सहभागी होते थे। आज वर्तमान में भाजपा सरकार में हैं। अपने संगठन को लगातार आगे बढ़ा रही है।कार्यकर्ता विकास प्रक्रिया के माध्यम से नित नये नूतन कार्यकर्ता आगे आकर पार्टी की प्रतिदिन की गतिविधियों को पूरे प्रदेश में संभालते हैं। एक एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है जो अपने सभी पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के लिये समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करता है।पिछले वर्ष सितंबर माह में राष्ट्रीय स्तर और उत्तर प्रदेश स्तर पर सदस्यता अभियान शुरू किया गया। जिसके बाद तीन करोड प्राथमिक सदस्य उत्तर प्रदेश में बनें और 2 लाख 50 हजार लोग पार्टी के सक्रिय सदस्य बने हैं। भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया प्रदेश में पूरी हो रही है।बूथ मण्डल और जिला अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया को पूर्ण हो गई है। भाजपा संगठन में समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो रहा है। समाज के सभी पिछड़े, दलित, आदिवासी, अति दलित एंव महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व मिला है।1989 में जब भाजपा के केवल 16 विधायक थे तब भी भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के लेकर सजग थी। उनके कार्यों को सरकार के समक्ष उठाया जाता था। अपार सामाजिक आर्थिक कठिनाईयों के बाद भी भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को सहेज रही थी।➤ हर जिले में व क्षेत्र में अपना कार्यालय।
2014 के बाद प्रदेश में प्रत्येक जिले में भाजपा का अपना कार्यालय बनाने की प्रक्रिया आरंभ की गई थी। इस दृष्टि से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी उतर प्रदेश में सबसे सशक्त होकर उभरी है। आज उत्तर प्रदेश में भाजपा के 87 जिला कार्यालय और 5 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। अपने गठन के 45 वर्ष के अंदर ऐसी उपलब्धि प्राप्त करने वाली भाजपा एकमात्र दल है।➤ हर गांव तक गांवों तक पहुंच। आज प्रदेश में 1,62,459 बूथ हैं और हर बूथ पर भाजपा के 17 सदस्यती बूथ समिति के साथ बूथ अध्यक्ष, बूथ प्रभारी की मौजूदगी है जो दिन प्रतिदिन के अभियान को चलाते हैं। इसके कारण भाजपा प्रदेश के लगभग 1 लाख गांवों तक अपनी सीधी पहुंच रखती है। माननीय प्रधानमंत्री जी के मन की बात हर महीने कम से कम 1,25,000 बूथों पर सुनी जाती है जिसके बाद हर बूथ से कार्यकर्ता अपी फोटो भेजते हैं। आज भाजपा के प्रदेश में 27634 शक्तिकेन्द्र हैं। इनकी बैठक बृ 3/6 संयोजक और प्रभारी के साथ होती है। केंद्रग्रामीण क्षेत्र में 2205500 नए आयुष्मान भारत कार्ड, 161699 उज्ज्वला कनेक्शन, 272252 जीवन ज्योति बीमा के द्वारा भाजपा सीधे आम लोगों के संपर्क में रहती है। नगरीय क्षेत्र में 385533 उज्ज्वला योजना, 387490 आयुष्मान भारत कार्ड और 358000 पीएम स्वनिधि योजना के द्वारा भाजपा हर क्षेत्र के लोगों के साथ संपर्क करती है। माघ महीने में आयोजित प्रयागराज महाकुंभ 2025 के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बड़े आयोजन को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिये और आने वाले श्रद्धलुओं की सेवा भावना के साथ आवभगत करके सीधा संदेश दिया है कि, भाजपा केवल राजनीति नहीं करती है बल्कि हमारे कार्यकर्ता समाज की सेवाभावना के प्रति भी अनुरागी हैप्रयागराज से जिलों तक हर सनातनी को संगम का जल उपलब्ध कराकर भाजपा के कार्यकर्ता अभिभूत हैं। इसके पहले कोबिड 2019 के समय पूरे विश्व ने भाजपा की सेवा भावना को बहुत नजदीक से देखा था। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेया के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश अध्यक्ष थे, उनके नेतृत्व में पार्टी ने 312 सीटों पर विजय प्राप्त की थी।2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जल संसाध्धन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अध्यक्ष रहे और उस समय भी पार्टी ने 255 सीटों को जीतकर लगातार दूसरी बार प्रदेश में सरकार बनाई।2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के 282 लोकसभा सीटें जीतने में उत्तर प्रदेश के शानदार प्रदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 42.3 फीसदी वोट के साथ यूपी में 71 सीटें हासिल की थीं। इसके बाद 2019 के चुनावों मे सपा-बसपा गठबंधन के बाद भी 67 सीटें जीतकर इतिहास बनाया।2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ षडयंत्रों के कारण भाजपा की सीटें कम हुई। लेकिन हमने लगातार तीसरी बार केन्द्र में सरकार बनाकर विपक्ष को कड़ा जबाव दिया। इससे पूर्व 1989 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को प्रदेश में सबसे ज्यादा वोट मिले।2017 के नगर निकाय चुनावों में भारी जीत के बाद भाजपा ने 2023 नगर निकाय चुनाव में भी अब तक की सबसे बड़ी जीत प्राप्त की जब उसके 17 नगर निगमों में पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ विजय प्राप्त करने में सफल रही है।आज भाजपा 104 नगर पालिका परिषदों में अध्यक्ष है। 67 जिला पंचायत अध्यक्ष है। 196 नगर पंचायतों में भाजपा के नगर पंचायत अध्यक्ष है। जबकि 23000 पंचायतों में भाजपा के कार्यकर्ता ग्राम प्रधान हैं।पिछले आठ वर्षों में हुए कुल 42 उपचुनावों में भाजपा ने 74 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ 32 सीटों पर जीत हासिल की है। यह भाजपा के लिए बहुत बड़ी सफलता है।इसके पहले 1984 में भले ही लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत सिर्फ 2 सीटों पर हो पायी हो, लेकिन भाजपा राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण दस्तक दे रही थी और संगठन मजबूती से खड़ा हो रहा था। पार्टी ने तेजी से संगठन को मजबूत करने का काम किया और इसका फायदा पार्टी को यूपी में भाजपा ने 8 सीटें जीत थी।1984 से लेकर 1999 तके के सभी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का ग्राफ उठता ही चला गया था लेकिन पहली बार 2004 में पार्टी का ग्राफ गिरा भी था। 1989 के लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी की मजबूत एंट्री रही थी। 1991 में केन्द्र सरकार के गिरने के बाद फिर से लोकसभा चुनाव कराने पड़े। 1991 में अकेले उत्तर प्रदेश से भाजपा को 51 सीटें मिली थीं।1989 से अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर बनाने के लिये आंदोलन आरंभ किया गया। इस बीच भारतीय जनता पार्टी का जनाधार बढ़ने लगा था। कई राज्यों में पार्टी की सरकारें बन रहीं थी। 1996 के लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा ने 10 सीटों पर जीत प्राप्त किया।लेकिन बीच में ही केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी लेकिन वह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी और 1998 में फिर से चुनाव कराने पड़े। उस समय यूपी से 57 सीटों पर भाजपा जीती। 1999 एक बार फिर से 13 वीं लोकसभा के लिए चुनाव हुए और उस समय भी भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 29 सीटें जीती थी। 2002 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के शाइनिंग इंडिया के बाद भी हमें प्रदेश में 10 सीटें मिली थी।उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन की तमाम उपलब्धियों के बीच उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी की सरकार की सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति के 8 वर्ष पूरे हुये हैं। सरकार के 8 साल पूरे होने पर सबसे बड़ी उपलब्धियां वर्तमान में है कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा नल कनेक्शन देने वाला राज्य है।प्रदेश में 5.07,479 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। 2.36 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को नल से शुद्ध पानी मिल रहा है।यह सब पिछले 45 वर्ष में सबसे बडा दल बनने वाली भाजपा सरकार की उपलब्धि है। जिस पर हमको गर्व है। आज भाजपा सरकार ने आम लोगों को घर, बिजली और पानी देने की महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतार कर विकास का मार्ग प्रशसत किया है।

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सुशासन की नई उड़ानें।
अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस ।

नवंबर 2020 में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू हुआ।

लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर नगर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को राशन।

7.50 लाख सरकारी नौकरी।

  • एक जिला एक मेडिकल कॉलेज के तहत हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना।

प्रत्येक कमिश्नरी स्तर पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य चल रहा है।

अयोध्या तीर्थ विकास परिषद, देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, श्री विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद, श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद, नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद एवं श्री शुक्र तीर्थ विकास परिषद का गठन।

वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर।अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण।अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव, काशी की देव दीपावली।नैमिष तीर्थ और शुक्र तीर्थ का पुनरुद्धार।उत्तर प्रदेश सर्वाधिक पर्यटक आगमन वाला राज्य।

  • महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालुओं का आगमन।
  • रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण/ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ एवं वाइल्डलाइफ एंड इको टूरिज्म परिपथ का विकास।जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने सभी पत्रकारों का आभार जताया।इस अवसर पर क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अशोक भारतीय, जिला महामंत्री सुधीर श्रीवास्तव, एमपी सिंह राजपूत, मीडिया प्रभारी आशीष शाक्य उपस्थित रहे।
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