गुस्ल की पाक रस्म के साथ उर्स की खास तकरीबात का आगाज़

बरेली। विश्व प्रसिद्ध खानकाहे नियाज़िया में अज़ीम सूफी बुजु़र्ग कुतबे आलम हज़रत शाह नियाज़ अहमद क़िबला र0अ0 का दस रोज़ा सालाना उर्स अपनी तमाम क़दीमी शान-ओ-शौकत और रिवायत के साथ पूरे पाक़ीज़ा रूहानी सूफियाना माहौल में बड़ी अक़ीदत व एहतराम के साथ जारी है। आज बरोज़ हफता उर्स मुबारक के चौथे दिन तमाम तक़रीबात हस्बे दस्तूर जारी रही। वहीं ज़ायरीनों की आमद का इज़ाफा बहुत तेज़ी से हुआ है बड़ी खानकाहो के सज्जादगान भी पहुँच गये है खानकाहे नियाज़िया में तकरीबन एक दर्जन कव्वाल चौकियों में अपनी दर्ज करवा दी है और हिन्दुस्तान के कई सूबो से जैसे तेलांगना, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आस-पास के इलाकों से लोगो के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। वहीं विदेश से जिसमें जर्मनी, मलेशिया, इंडोनेशिया, हॉग-कॉग आदि से लोग खानकाहे नियाज़िया पहुँच गये है। आज 8 दिसम्बर बरोज इतवार को गुस्ल की पाक रस्म के साथ उर्स की खास तकरीबात का आगाज़ हो गया उर्स 13 दिसम्बर तक जारी रहेगा। रोज़ाना शब में हिन्दुस्तान के मशहूर कव्वाल सूफियाना महफिल को रूहानी शराबोर करेंगे उर्स में शिरकत करने हिन्दुस्तान के नामचीन फनकार भी उर्स में शिरकत करने आ रहे है। सुबह 09ः00 बजे गुस्ल की रस्म के साथ-साथ उर्स की खास तकरीबात का आग़ाज़ हुआ। सज्जादनशीन अलहाज महेंदी मियाँ क़ादरी चिश्ती निज़ामी नियाज़ी और खानदान के तमाम अफराद ख़ानकाहोें के सज्जादगान और मख़सूस हज़रत के साथ मज़ारात पर तशरीफ ले जायेंगे।

आस्ताने पर मज़हबी रसूमात को अंजाम दिया गया इस मौके पर मज़ारात को इत्र, गुलाब, केवड़ा, ज़ाफरान, सन्दल वगैराह से मोअत्तर किया जायेगा और तबर्रूक के तौर पर पानी तक़सीम किया गया। गु़स्ल की रस्म के बाद मज़ारात पर बारी-बारी तमाम कव्वाल चौकियां मखसूस कलाम एक साथ पेश किया। उसके बाद सज्जादानशीन मसनत पर तशरीफ लायेंगे और तमाम लोग हज़रत सज्जादानशीन साहब से बंगलगीर हुए और दुआयें हासिल की फिर तमाम लोग बुजु़र्गों की क़दीम हवेली में गए और सलामी देने के बाद मज़ारात को ज़ियारत के लिए खोल दिया गया। रात को महफिल-ए-कव्वाली में हिन्दुस्तान के नामचीन कव्वाल नज़राना-ए-अक़ीदत पेश की ठीक 01ः00 बजे हज़रत शाह मोईनुद्दीन क़िबला रअ का कुल शरीफ हुआ। फातेहा ख़्वानी और खुसूसी दुआ की गई। बाद उसके हल्का-ए-ज़िक्र के चौथी तारीख का प्रोग्राम खत्म हो जायेगा।