बरेली। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती की पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी और सम्मान समारोह में अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद प्रो.राजेन्द्र भारती ने राजेन्द्र प्रसाद के आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित सिद्धांतों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। कायस्थ चेतना मंच और मानव सेवा क्लब के संयुक्त तत्वावधान में उपजा प्रेस क्लब सभागार में हुए कार्यक्रम में मुख्य वक़्ता प्रो. राजेन्द्र भारती ने कहा राजेन्द्र बाबू एक अजात शत्रु थे। डॉ राजेंद भारती ने समाज और शिक्षा में विशेष योगदान के लिए रुहेलखंड विश्व विद्यालय के प्लांट साइंस के हेड प्रो.आलोक श्रीवास्तव को राजेन्द्र प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित किया। सम्मान स्वरूप उन्हें हार, शाल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति- पत्र विशिष्ट अतिथि बरेली कालेज के चीफ प्रॉक्टर डा. आलोक खरे, डॉ. पवन सक्सेना, सुरेन्द्र बीनू सिन्हा और संजय सक्सेना ने दिया। कार्यक्रम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। श्रीमती मधु वर्मा ने सरस्वती वंदना की मोहक प्रस्तुति दी। भगवान चित्रगुप्त महाराज की वंदना अनिता मुकेश ने की। स्वागत इं. के. बी. अग्रवाल और प्रदीप माधवार ने किया। श्री इंद्र देव त्रिवेदी ने कहा कि संविधान सभा के अध्यक्ष होते हुए उन्होंने डॉ भीमराव अंबेडकर से संविधान लिखने का आग्रह किया था। श्री आलोक खरे ने बताया डा. राजेन्द्र प्रसाद जी के बारे में हमें अपने बच्चों को अवश्य बताना चाहिए और घर पर चर्चा अवश्य करें। श्री आलोक श्रीवास्तव जी ने कहा कि राजेंद्र जी ने वर्ष 1920 में बीएस सी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। वर्ष 1934 में जब बिहार में बाढ आई तो उन्होंने एक सच्ची समाज सेवा की। उपजा प्रेस क्लब अध्यक्ष डा. पवन सकसेना ने कहा हम अपनी महान बिभुतियो के बारे में सकारात्मक सोच रखे। वह निष्पक्ष बात करते थे। संचालन क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया। सभी का आभार मंच के अध्यक्ष संजय सक्सेना ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रकाश चंद्र सक्सेना, इन्द्र देव त्रिवेदी, निर्भय सक्सेना, राजीव सक्सेना, वीरेन्द्र सक्सेना, मंजू लता सक्सेना, जितेन्द्र सक्सेना, विजय कुमार कपूर, विकास सक्सेना, स्वाति सक्सेना, रजनीश सकसेना आदि उपस्थित रहे।