बरेली। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने आज प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत पराली प्रबंधन के लिए जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत प्रचार वाहन को कलेक्ट्रेट प्रांगण से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के समस्त विकासखंड के ग्राम-ग्राम घूमकर प्रचार वाहनों द्वारा कृषकों को पराली न जलाये जाने के साथ ही इसका खेत में प्रबन्धन करने हेतु जागरूक किया जाये। उक्त के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है कि विगत वर्षों में जिन ग्रामों में पराली जलाये जाने सम्बंधी घटनाएं हुई हैं उनका ग्रामवार रोस्टर बनाते हुये प्राथमिकता के आधार पर प्रचार-प्रसार कर कृषकों को पराली न जलाये जाने हेतु जागरूक किया जाये, जिन ग्रामों में प्रचार-प्रसार वाहन जाये, उन ग्रामों के ग्राम प्रधानों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जाये, जिससे कि उनके द्वारा सदस्यों एवं ग्राम वासियों को अपने स्तर से भी पराली जलाने से होने वाले नुकसान, पराली जलाने से लगने वाले अर्थदण्ड तथा मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन (सिविल) संख्या- 13029/1985 एमसी मेहता बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया एवं माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण में योजित एप्लीकेशन संख्या 666/2018 गंगा लालवानी बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया व अन्य के सम्बन्ध में निर्गत आदेशों के अनुपालन में पराली/फसल अवशेष जलाये जाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु दिये प्राविधान के अनुसार होने वाली विधिक कार्यवाही से अवगत कराया जाये। उन्होंने समस्त कृषक बन्धुओं से अपील की है कि पराली न जलाये बल्कि इसका खेत में प्रबन्धन करें एवं खेत में ही पराली प्रबन्ध कर पराली से कार्बनिक खाद बनायें। इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला, संयुक्त कृषि निदेशक बरेली मण्डल डॉ राजेश कुमार, उप कृषि निदेशक अभिनन्दन सिंह, जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी, सम्बन्धित विकास खण्ड के कर्मचारीगण उपस्थित रहें।