बदायूँ । जिला कृषि रक्षा अधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह ने किसानों को धान की फसल में लगने वाले गंधी बग से बचाव की एडवाइजरी जारी की हेेै। बदायूँ में धान की फसल लगभग 87127 हे0 क्षे़त्रफल में बोई गयी है। अब इस समय फसल लगभग 70-75 दिन की हो गयी है ओैर अगेती फसलों में धान की बालियाँ भी निकल रही है, धान की इस अवस्था मेें एक प्रमुख कीट लगता है जिसे गन्धी बग कहतें हेै और धान भी फूल व वाली निकलने/दुग्धावस्था में एक कीट लगता है और धान के फूल व दाने के दूध को चूस लेता है ओैर दाने नहीं पड़ते है अथवा दाने के बजन में कमी हो जाती हेै। उन्होंने बताया कि इस कीट के शिशु व वयस्क व दूधिया अवस्था में अलग दानों से रस चूसते हैं। और एक-एक अनाज भूसा बन जाते हैं व छेद के स्थान पर काले धब्बे बन जाते हैं। इस कीट के अधिक प्रकोप होने पर धान के खेत से बदबू आने लगती हैं। जिससे धान का उत्पादन प्रभावित होता हैै एवं धान के दाने पर काले धब्बे पड़ जाते हैं जिससे धान का बजार मूल्य भी कम मिलता है। उन्होंने बताया कि यदि यह गंधी कीट धान की फूल निकलने की अवस्था पर प्रति 100 पौधों पर 5 तथा दुग्धावस्था से लेकर दाना बनने की अवस्था तक प्रति 100 पौधों पर 10 कीट से अधिक दिख रहे हैं तो 10 किलोग्राम मैलाथियान-5 प्रतिशत धूल प्रति एकड़ को सुबह सूर्य निकलने से पूर्व एवं सूर्यास्त के समय धान की फसल पर छिड़काव करें या मैलाथियान-50 प्रति0 ई0सी0 की 200 मिलीलीटर दवा को 150 से 200 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें। राजकीय कृषि रक्षा इकाईयों पर 50 प्रति0 अनुदान पर मैलाथियान 5 प्रति0 धूल पाउडर उपलब्ध है।