एसआरएमएस में निशुल्क होंगे मोतियाबिंद के दस हजार आपरेशन
बरेली। इस वर्ष एसआरएमएस मेडिकल कालेज में मोतियाबिंद के दस हजार आपरेशन और जरूरतमंद एक व्यक्ति की हर हफ्ते रोबोटिक सर्जरी निशुल्क की जाएगी। यह घोषणा एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक और चेयरमैन देवमूर्ति ने रविवार को आयोजित ब्रेस्ट कैंसर सीएमई और एटीएलएस के संयुक्त उद्घाटन समारोह में की। उन्होंने कहा कि चार जुलाई को अपने 23वें स्थापना वर्ष से एसआरएमएस मेडिकल कालेज ने बरेली के दस ब्लाकों में लोगों की हेल्थ कुंडली बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके जरिये एसआरएमएस के स्वास्थ्य कर्मी गांव गांव, घर घर जाकर लोगों की हेल्थ जांच कर रहे हैं। स्क्रीनिंग के साथ ही लोगों को कैंसर जैसी बीमारियों के प्रति जागरुक भी किया जा रहा है। चेयरमैन देव मूर्ति और आदित्य मूर्ति ने आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट स्थित रेडिएशन ओंकोलाजी विभाग में तीसरा लीनियर एक्सेलेरेटर स्थापित किया। इसके जरिये सिर से पैर तक शरीर के सभी कैंसर का सटीक इलाज किया जाता है। आईएमआरटी आईजीआरटी, वीएमएटी जैसी रेडिएशन की अत्याधुनिक तकनीक से एसआरएमएस मेडिकल कालेज में 2015 से कैंसर के मरीजों का उपचार किया जाता है। एसआरएमएस मेडिकल कालेज में रविवार को ब्रेस्ट ओंकोलाजी पर सीएमई के साथ तीन दिवसीय एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट (ATLS) कोर्स आरंभ हुआ। आडिटोरियम में मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और संस्थान गीत के साथ इसका संयुक्त उद्घाटन समारोह आरंभ हुआ। इसमें देव मूर्ति जी ने तेजी से बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर और हादसों में बढ़ रही मृत्युदर पर चिंता जताई। उन्होंने इसे जागरूकता की कमी और लापरवाही का परिणाम बताया। कहा कि कैंसर जैसी बीमारियां जानकारी के अभाव में बढ़ रही हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों को पालन ने करने की लापरवाही से ज्यादातर लोग हादसों में जान गवां रहे हैं। हर वक्त मोबाइल से चिपके रहने की आदत, सेल्फी और रील्स बनाने की बढ़ रही प्रवृत्ति इसे और भी बढ़ा रही है।
लापरवाही छोड़ कर ही ऐसे हादसों को रोका जा सकता है। फिर भी ट्रामा की आशंका बनी रहती है। ऐसे में बेसिक लाइफ सपोर्ट की जानकारी सभी के लिए आवश्यक है। इससे हम अपने आसपास ऐसी स्थिति में दूसरों की जान बचा सकते हैं। एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक और एटीएलएस इंडिया के चेयरपर्सन और एसआरएमएस मेडिकल कालेज में आयोजित तीन दिवसीय एटीएलएस कोर्स के चेयरमैन प्रोफेसर (डा.) एमसी मिश्रा ने कैंसर और ट्रामा दोनों को भयावह बताया। उन्होंने कहा कि इन दोनों से होने वाली मौतों की संख्या गंभीर है। जितनी तेजी से कैंसर बढ़ रहा है उससे कहीं ज्यादा तेजी से ट्रामा में मौतें हो रही हैं। वर्, 1988 में हादसों में करीब 70 हजार लोगों ने अपनी जान गवाईं थी। आज दो लाख से ज्यादा मौतें हासदों में हो रही हैं। इसमें युवाओं की संख्या सर्वाधिक होना बेहद गंभीर है। हालांकि सुरक्षा उपायों को अपना कर मौतों को काफी कम किया जा सकता है लेकिन युवाओं की लापरवाही इस पर भारी पड़ रही है। ऐसे में ट्रामा मैनेजमेंट की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। गर्व की बात है कि एसआरएमएस में अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर मौजूद है। एनबीई के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और एम्स दिल्ली में ट्रामा सर्जरी के प्रोफेसर (डा.) सुबोध कुमार ने ट्रामा और ओंकोलाजी दोनों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौर में जहां अन्य सभी स्वास्थ्य सेवाएं बंद थीं वहीं इन दोनों का संचालन जारी था। इससे ट्रामा और ओंकोलाजी का महत्व स्पष्ट हो जाता है। डा.सुबोध ने बेहद कम खर्च पर ट्रामा और ओंकोलाजी का इलाज करने के लिए एसआरएमएस प्रबंधन को भी बधाई दी। टीएमसी कोलकता के डीन डा.संजित अग्रवाल कहा कि कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, इसमें भी ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति और भी भयावह होती जा रही है। हर वर्ष एक लाख मौतें इसकी भयावहता को स्पष्ट करती हैं। एम्स दिल्ली में सर्जरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और सुभारती हास्पिटल के कैंसर इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डा.अनुराग श्रीवास्तव ने कैंसर, हार्ट और डायबिटीज में हो रही वृद्धि को जागरूकता की कमी बताया। उन्होंने कहा क ज्यादा से ज्यादा मरीजों की स्क्रीनिंग कर हम इस भयावह होती स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी ट्रेनिंग और सपोर्ट के लिए हमारा संस्थान हमेशा तैयार है। इससे पहले एसआरएमएस मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला ने कालेज की उपलब्धियों की जानकारी साझा की। ब्रेस्ट ओंकोलाजी सीएमई के आर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डा.एसके सागर ने अतिथियों सहित सभी का स्वागत किया। उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर की भयावहता के साथ इसकी रोकथाम, इलाज के लिए अत्याधुनिक तकनीक की भी जानकारी दी। उन्होंने सीएमई को स्किल में वृद्धि होने की बात कही और अंततः इससे मरीजों के लिए लाभप्रद बताया। एटीएलएस के साइट इंचार्ज डा.हर्षित अग्रवाल ने इस रीजन के पहले तीन दिवसीय एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट (ATLS) कोर्स को मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आज ही के दिन पहली सितंबर को यहां पर ट्रामा सेंटर स्थापित हुआ था। ऐसे में तीन दिवसीय एडवांस ट्राम लाइफ सपोर्ट कोर्स का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस बीच एक वर्ष में हमने 700 से ज्यादा ट्रमा मरीजों को अटेंड किया और 350 से ज्यादा मरीजों का आपरेशन किया गया। यह सभी विभागों के सहयोग से ही संभव हुआ है। उद्घाटन समारोह में धन्यवाद प्रस्ताव ब्रेस्ट ओंकोलाजी सीएमई के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.अमित सिंह ने जताया और सभी अतिथियों और डेलीगेट्स का आभार जताया। इस मौके पर एसआरएमएस मेडिकल कालेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति जी, आरएमएल दिल्ली के जनरल सर्जरी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) एके गुप्ता, मिलिटरी हास्पिटल बरेली के कमांडेंट ब्रिगेडियर (डा.) किरन एस, एम्स ऋषिकेश के एसोसिएट प्रोफेसर डा.मधुर उनियाल, लखनऊ कमांड हास्पिटल के लेफ्टिनेंट कर्नल (डा.) आनंद कटियार, एम्स रायबरेली की डा.प्रियंका चौधरी, डा.सीएम चतुर्वेदी, डा. अजय भारती, अपोलो हास्पिटल पटना की डा.निहारिका राय, यशोधरा हास्पिटल गाजियाबाद के डा.अनुश्री वर्तक, अपोलो हास्पिटल नई दिल्ली की डा.गीता कदयप्राथ, ब्रेस्ट ओंकोलाजी सीएमई के आर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डा.पियूष कुमार, को-आर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डा. अनिल नेगी, को-आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.पुनीत कुमार और डा.पवन कुमार, डा.शशांक निगम, डा.अदादि श्रीनिवास, डा.रोहित शर्मा, डा.नीलिमा मेहरोत्रा, डा.ललित सिंह, डा.वंदना नेगी, डा.स्मिता गुप्ता, डा.शशिबाला आर्य, डा. तनु अग्रवाल सहित सभी विभागाध्यक्ष, एसआर, जेआर और फैकेल्टी मौजूद रहे।