बिसौली। सन्त उमाशंकर महाराज का हृदयगति रुक जाने से बरेली के निजी हॉस्पिटल में हुआ निधन। उमाशंकर महाराज आजीवन अविवाहित रहकर प०बंगाल,असम आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रचारक रहे।वह विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष व विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंन्त्री भी रहे। वह एक अच्छे कथा वाचक भी थे। शरह बरौलिया, वृंदावन, इंदौर उज्जैन आदि स्थानों पर रामकथा भी कही। उन्होंने अपने कार्याे से शरह बरौलिया गांव को एक पहचान व आध्यात्मिक दिशा दी। वह जीवन भर समाज की सेवा में लगे रहे।उन्होंने क्षेत्र की बालिकाओं की शिक्षा के बालिका इंटर कालेज खोलने के लिए अपनी जमीन दान में देने की बात कही थी। जिस पर जिला विद्यालय निरीक्षक बदायूँ ने राजकीय बालिका इंटर कालेज खोलने की सहमति दे दी थी।आकस्मिक निधन से बालिका इंटर कालेज का सपना अधूरा रह गया।उनके निधन पर विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक प०अतुल महाराज,महेश शंखधार,बृजेश शंखधार डॉ०मुन्ना लाल शंखधार सत्य पाल शर्मा श्याम पाल पाठक आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया हैं।