प्रेम की परिभाषा को नए सिरे से प्रस्तुत करता नाटक सर सर सरला” का हुआ मंचन

बरेली। रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी द्वारा थिएटर अड्डा के 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के 13 वें दिन कॉमन पीपल दिल्ली ने मकरंद देशपांडे द्वारा लिखित एवं वशिष्ठ उपाध्याय निर्देशित नाटक “सर सर सरला” का मंचन लोक खुशहाली सभागार में किया। नाटक सर सर सरला प्रेम की परिभाषा को नए सिरे से प्रस्तुत करता है। नाटक की नायिका सरला अपने प्रोफेसर को प्रेम करती है। प्रोफेसर का शिष्य फणिधर सरला से प्रेम करता है। सरला का विवाह अन्य से हो जाता है। इसी त्रिकोणीय प्रेम को दर्शाता नाटक ये संदेश संप्रेषित करता है। कि प्रेम आयु,पद, प्रतिष्ठा का मोहताज नही होता।

प्रेम एक प्राकर्तिक अविरल धारा है जिसे प्रवाहित होने से कोई नही रोक सकता। नाटक के अंत मे प्रोफेसर प्रेम को परिभाषित करते हुए लोगो को संदेश देते है कि कुछ चीजों पर इंसान का जोर नही चलता औऱ उन्हें वक्त पर ही छोड़ देना बेहतर होता है। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. विनोद पागरानी, अनिल अग्रवाल, अमिता अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया। थिएटर फेस्ट का संयोजन शैलेन्द्र आज़ाद ने किया। कार्यक्रम मे शालिनी गुप्ता, शुभी, अजय गौतम, सुशील, मोहित, सचिन श्याम भारतीय, महेंद्र पाल राही का विशेष सहयोग रहा।

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