बरेली। पुराने संसद भवन से डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी की मूर्ति हटाए जाने पर पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया है। इसी को लेकर आज बरेली में भारतीय बौद्ध धम्म सार सुसायती एवं अनुसंधान केंद्र तथा भारतीय बौद्ध महासभा के कार्यकर्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया और मूर्तियों को पुनः स्थापित करने की मांग की। पुराने संसद भवन से डॉ.बीआर अंबेडकर और महात्मा गांधी की मूर्तियों को हटाए जाने पर बवाल खड़ा हो गया है। बरेली में आज इसको लेकर भारतीय बौद्ध धम्म सार समिति एवं अनुसंधान केंद्र तथा भारतीय बौद्ध महासभा कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देते हुए मांग की कि मूर्तियों को पुनः स्थापित किया जाए। वहीं जागन सिंह राकेश ने कहा कि पुरानी संसद भवन के सामने से महात्मा गांधी और डॉ.बीआर अंबेडकर की जो प्रतिमाएं रात्रि में चोरी छुपे हटाई गई है उनको पुनः वही स्थापित किया जाए ,यदि इन प्रतिमाओं को हटाना जरूरी है तो पहले लोगों को अवगत कराना चाहिए था और यदि हटा ही ली गई है तो इन प्रतिमाओं को नए संसद भवन के मेन हॉल में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भारत के बापू कहलाते थे और डॉ.बीआर अंबेडकर संविधान के जनक हैं ,सांसद भी संविधान से ही चल रही है तो ऐसे में वहां पर इन मूर्तियों को स्थापित करना जरूरी है। इस तरह मूर्तियों को हटाना अपराध है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर आज पूरे भारतवर्ष में प्रदर्शन चल रहा है। वहीं भारतीय बौद्ध महासभा के अध्यक्ष हरपाल सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान के जनक डॉ. भीमराव अंबेडकर और भारत के बापू कहे जाने वाले महात्मा गांधी की मूर्तियों को 3 व 4 जून की रात में चोरी छुपे हटाया गया है इस तरीके से मूर्ति हटाना एक संज्ञेय अपराध है। उन्होंने मांग की ही की मूर्तियों को वहीं पर स्थापित किया जाए।