बदायूं। साहित्य ,संस्कृति,समाज,कला के लिए समर्पित संस्था आचमन ट्रस्ट द्वारा 21 जून को विश्व संगीत दिवस के अवसर पर जनपद बदायूँ में वर्षो से संगीत का प्रशिक्षण दे रहे उस्ताद अकरम हुसैन खान को की बोर्ड देकर सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि उस्ताद अकरम से शिक्षा प्राप्त उनके कई शिष्य आज ऊँचा मुकाम प्राप्त कर चुके हैं।कुछ शिष्य प्रोफेसर तो कई शिष्य संगीत की दुनिया के रौशन सितारे हैं। अनेक बड़े मंचों पर प्रस्तुति देने वाले और अनेक सम्मानों से सम्मानित हारमोनियम में पारंगत उस्ताद अपने सहज और सादा मिज़ाज के कारण भी सबके प्रिय हैं।हालाँकि वे अब संगीत शिक्षा को बहुत महत्व न मिलने से व्यथित भी हैं। आचमन ट्रस्ट की संस्थापक डॉ. सोनरूपा विशाल ने भी उस्ताद अकरम से संगीत की बारीकियां सीखी हैं।उनका कहना है कि अकरम जी के प्रति सदा वे कृतज्ञ भाव महसूस करती हैं। जनपद की प्रतिभाएं परिस्थितियों के कारण कहीं अंधेरे में गुम न हो जाएं इसी प्रयास के तहत आचमन संस्था का उद्देश्य है कि समय समय पर कुछ ऐसे क़दम उठाये जाएं जो कलाकारों के हित में हो। डॉ .सोनरूपा बदायूँ वासियों से भी अपील करती हैं कि ऐसे अच्छे कलाकार का हौसला बुलंद करें। उनका कहना है कि समय बदल गया है और धीरे धीरे लोगों ने अन्य क्षेत्रों को अपने करियर हेतु चुनना आरम्भ कर दिया है। अब संगीत न बहुत सीखने की चाह रह गयी है लोगों में और बच्चो में।न ही इसे करियर के रूप में बहुत लोग चुनते हैं। ऐसे में संगीत को ही सर्वस्व मान कर अपना जीवन अर्पण कर देने वाले उस्ताद अकरम अब स्वयं के एवं अपनी कला के महत्वहीन हो जाने जैसी पीड़ा से गुज़र रहे हैं।ऐसी कलाओं का संरक्षण हम सबका कर्तव्य है।