हरिद्वार। भाकियू टिकैत गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा, जब सिख समाज की ओर से गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी होने के पुख्ता सबूत दिए जा रहे हैं तो समाज को गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी बनाने के लिए जमीन वापस दे दी जाए। अगर वहां नहीं दे सकते हैं तो टिकैत घाट के सामने गुरुद्वारा बनाने के लिए जमीन दे दी जाए।कहा, जब अयोध्या में कब्जाई जमीन को वापस दिया जा सकता है। अब मथुरा में वापसी की बात है तो इनको भी जमीन दे दी जाए। यहां लंगर चलेगा और समाजसेवा की जाएगी। धर्मनगरी में चल रहे चिंतन शिविर (किसान महाकुंभ) के समापन पर टिकैत ने कहा, देशभर में किसानों के ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएंगे। इन सेंटरों पर किसानों को संगठन की मजबूती और किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। कहा, पहले चरण में 25 सेंटर बनाए जाएंगे, लेकिन इनका लक्ष्य 100 रखा गया है। कहा, संगठन को बदनाम करने की अलग-अलग साजिशें चल रही हैं, इनसे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सावधान रहने की जरूरत है। टिकैत ने केंद्र सरकार को अपाहिज बताया। किसानों के बने नए-नए संगठनों को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, अभी तो बहुत संगठन बनेंगे। सरकार किसान संगठनों को तोड़ने पर लगी हुई है।उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि अगला युद्ध ट्रैक्टरों और वाहनों का होगा, इसलिए ट्रैक्टर प्रमुख बना लिए जाएं। समापन पर यूनियन की ओर से 26 मांगों का ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा गया। इस मौके पर गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी, जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री, सुब्बा सिंह ढिल्लो, अरविंद राठी, सुरेंद्र सिंह, रवि चौधरी आदि मौजूद रहे। किसानों को कृषि कार्य के लिए बिजली फ्री दी जाए, घरेलू कार्य के लिए भी 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिले।किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।किसान आयोग का गठन किया जाए। गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये किया जाए। एमएसपी गारंटी कानून बनाकर लागू किया जाए। स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू की जाए। कृषि बीज, कीटनाशकाें में हुए घोटाले के अधिकारियों को सजा दी जाए। बिजली बिल माफ किए जाएं। नहरों से सिंचाई के लिए पानी मुफ्त मिले। पहाड़ों पर जैविक सब्जी केंद्र बनाकर बड़े शहरों को सब्जी भेजी जाए। पहाड़ों पर चकबंदी की जाए। पहाड़ों पर मंडी की व्यवस्था की जाए। किसानों के खेतों से 20 किमी से अधिक अपनी फसल बेचने पर ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दी जाए।युवा आयोग का गठन किया जाए।