नई दिल्ली। भीषण गर्मी में बिजली की मांग चरम पर है। हर दिन दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ रही है और नित नये प्रतिमान कायम कर रही है। मंगलवार को यह मांग अधिकतम 8,647 मेगावाट तक पहुंच गई, जो दिल्ली के इतिहास में सबसे अधिक है। स्टेट लोड डिस्पैच सिस्टम (एसएलडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, दोपहर 3:22 बजे अधिकतम मांग दर्ज की गई। दिल्ली की अधिकतम बिजली की मांग पहली बार 22 मई को 8,000 मेगावाट रही थी। बिजली की मांग बढ़ने से बिजली कटौती भी हो रही है। दिल्ली के कई इलाकों में एक से दो घंटे तक बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। वहीं, सड़कों की लाइट पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।गर्मी की तपिश की वजह से लोगों के घरों और कार्यालयों में गर्मी से राहत देने वाले कूलर, एसी, पंखे इनदिनों ज्यादा चल रहे हैं। इस वजह से बिजली की मांग दिल्ली में बढ़ी हुई है। बिजली कंपनियों ने अनुमान लगाया था कि 8000 मेगावाट इस गर्मी में मांग होगी, इस आंकड़े को भी मांग पार गई है। 2024 के पहले दिल्ली में अधिकतम मांग 7,695 मेगावाट तक दर्ज किया गया था। जबकि इस साल लगातार 30वां दिन पीक बिजली की मांग 7000 मेगावाट को पार करती रही। मई 2023 में ही यह मांग 7000 मेगावाट को पार कर गई थी। 2022 में केवल एक बार मई महीने में ऐसी स्थिति आई थी।बिजली आपूर्ति कंपनियों का कहना है कि बिजली वितरण नेटवर्क बिजली की इस उच्च मांग को बनाए रखने में सक्षम रहा है। एयर कंडीशनिंग किसी घर या कंपनी के सालाना ऊर्जा खर्च का 30-50 फीसदी तक बढ़ जाता है। दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली के बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग 3680 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। दूसरी ओर पूर्वी और मध्य दिल्ली के बीवाईपीएल क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग 1860 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। टाटा पॉवर वाले क्षेत्र में अधिकतम मांग 2446 मेगावाट बिजली की मांग रही।18 जून 2024-बिजली की मांग 8647 मेगावाट 22 अगस्त 2023 बिजली की अधिकतम मांग 7438 मेगावाट,29 जून 2022 बिजली की अधिकतम मांग 7695 मेगावाट,29 जून 2021 बिजली की अधिकतम मांग 6753 मेगावाट,29 जून 2020 बिजली की अधिकतम मांग 6314 मेगावाट,2 जुलाई 2019 बिजली की अधिकतम मांग 7409 मेगावाट,10 जुलाई 2018 बिजली की अधिकतम मांग 7016 मेगावाट।