अब शेरवानी के करीबी राष्ट्रीय नेता योगेंद्र सिंह तोमर ने साइकिल छोड़ कमल का फूल थामा

बदायूँ। पांच बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी को राजनीतिक गुरु मानने वाले उनके चहेते सपा के राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र सिंह तोमर ने कल साइकिल त्याग कर कमल का फूल थाम लिया है।उन्होंने कल दिल्ली में केंद्रीय राज्यमंत्री वीएल वर्मा के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। केंद्रीय मंत्री वर्मा ने उन्हें पटका पहना कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई। योगेंद्र सिंह तोमर का गुन्नौर के अलावा बिल्सी औऱ सहसवान विधानसभा छेत्र में काफी बड़ा जनाधार है,इन दोनों सीटों पर इनके सजातीय वोटरों की संख्या 60 हजार से ज्यादा है। उनके साथ हरि बाबा जनता इंटर कालेज गंवा के प्रबंधक ठाकुर बुध रंजन सिंह राघव ने भी भाजपा की सदयता ग्रहण की है। सपा के राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र सिंह तोमर राजनीति के अलावा रियल स्टेट का भी बड़ा नाम है। गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र में गरीबों के मसीहा माने जाते है। इलाके के कद्दावर नेता माने जाते,जिनकी इलाके में मजबूत पकड़ बताई जाती है। राजनीति के लिहाज से सबसे बड़ी बात वह सपा में कद्दावर नेता राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी के सबसे ज्यादा करीबी है। वह शेरवानी को अपना राजनीतिक गुरु मानते है। शेरवानी की बगैर इच्छा या सहमति के वह कोई राजनीतिक कदम नही उठाते थे। उधर शेरवानी सपा में आजम खां के बाद बड़ा कद माना जाता था। कुछ समय पूर्व सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी ने पार्टी में मुस्लिमों की उपेक्षा के मामले में अपने पद से इस्तीफा दिया तो योगेंद्र सिंह तोमर ने भी राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफ़ा दे दिया। हालांकि सपा हाईकमान ने अभी तक दोनों के इस्तीफा स्वीकार करने की घोषणा नहीं की है। चुनावी मौसम में दल बदल सामान्य बात है,लेकिन यहाँ कई खास वजह से योगेंद्र सिंह तोमर का दल बदलना राजनीति में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इसकी कई ठोस वजह है,आइए हम आपको बताते है विस्तार से। दरअसल बदायूँ लोकसभा क्षेत्र में सम्भल जिले का गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र शामिल है, यह गुन्नौर यादव और मुस्लिम बाहुल्य है,यह गुन्नौर सपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। सपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव का मानना है कि गुन्नौर औऱ सहसवान विधानसभा क्षेत्र से अच्छी लीड ले ली तो उन्हें कोई हराने वाला नही है। इसलिए गुन्नौर इलाके के कद्दावर नेता योगेंद्र सिंह तोमर का सपा छोड़ कर भाजपा में जाना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा योगेंद्र सिंह तोमर के सहारे से सपा के गढ़ गुन्नौर में सेंध लगाने में सफल हो गई है,वहीं सपा हाथ मलते रह गई है। दूसरी वजह सपा के राष्ट्रीय महासचिव शेरवानी ने अपने पत्ते खोले नही है,वह सपा हाईकमान से नाराज चल रहे है,ऐसे में योगेंद्र सिंह तोमर का सपा छोड़कर भाजपा में जाना अप्रत्यक्ष रूप से शेरवानी से जोड़ कर भी देखा जा रहा,वहीं भाजपा अपने हित मे इस मामले का संदेश प्रचारित करती है तो सपा को नुकसान मिल सकता है। योगेंद्र सिंह तोमर गुन्नौर व सहसवान इलाके के कद्दावर नेता है, उन्होंने 06 मार्च को सहसवान में सेक्युलर महापंचायत करके शक्ति प्रदर्शन भी किया था, तभी से उन पर भाजपा की नजर थी,इस महापंचायत में पूर्व सांसद सलीम इकबाल शेरवानी औऱ पूर्व मंत्री आबिद रजा भी शामिल हुए थे। योगेंद्र सिंह तोमर के भाजपा में जाने से सपा को करारा झटका लगा है,सपा खेमे में खलबली मची हुई है,।