बदायूँ । जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि जनपद न्यायालय/न्यायालय परिसर व कैन्टीन एवं जिला बार एसोसियेशन तथा अधिवक्तागण के चौम्बरों में यदि कोई शस्त्रधारक शस्त्र लाइसेंस लेकर जाता है, तो सम्बन्धित व्यक्ति के विरुद्ध तत्काल एफआईआर पंजीकृत कराकर शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण हेतु जिला मजिस्ट्रेट, लाइसेंसिंग अर्थाटी को रिपोर्ट भेजी जाए। उन्होंने जनपद न्यायाधीश के आदेश के क्रम में निर्देश दिए कि जनपद में कार्यरत जिला न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी किसी भी व्यक्ति के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामले दर्ज करने के लिए कदम उठाएंगे, चाहे वह अदालत परिसर के भीतर हथियार से जाने वाले वकील का वादी हो शस्त्र लाइसेंस रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाते हुए संबंधित क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट प्रेषित करेंगे। उन्होंने जनपद न्यायाधीश के आदेश के क्रम में निर्देश दिए कि जिला न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारियों के साथ-साथ जिला न्यायालयों के सुरक्षा प्रभारी न्यायालय परिसर के भीतर हथियार से जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर शिकायत दर्ज करने के लिए कदम उठाने के लिए बाध्य है। जैसा कि नियम 614-ए के स्पष्टीकरण के तहत परिभाषित किया गया है। सामान्य नियम (सिविल) और हथियार लाइसेंस को रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए लाइसेसिंग प्राधिकारी को रिपोर्ट अग्रेषित करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि शस्त्र अधिनियम के तहत लाइसेंसिंग प्राधिकारी किसी ऐसे व्यक्ति के संबंध में शस्त्र लाइसेंस रद्द करने के लिए कदम उठाएंगे, जो हथियार ले जाता हुआ पाया जाता है या कथित तौर पर पाया जाता है। उन्होंने निर्देश दिए कि पूरे न्यायालय परिसर में सामान्य क्षेत्र न्यायालय की वकीलों के चैम्बर/बिस्तर, बार एसोसिएशनों, कैंटीनों और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों सहित पूरे न्यायालय परिसर में हथियार ले जाने वाले किसी भी व्यक्ति को इस उद्देश्य के लिए सार्वजनिक शांति या सार्वजनिक सुरक्षा का उत्संधन माना जाएगा। शस्त्र अधिनियम की धारा 17(3)(बी) के तहत शक्तियों का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने सभी न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय द्वारा पारित सामान्य निर्देशों का पालन करने की अपील की है।