शीत लहर कर सकती है आपके फेफड़ों को बेदम, इन तरीकों से रखें इनका ख्याल

स्वास्थ्य। बढ़ती ठंड हमारी सेहत को किस हद तक प्रभावित कर सकती है, इसका आपको कुछ हद तक अंदाजा होगा, लेकिन आप जितना समझते रहे हैं, यह उससे ज्यादा खतरनाक है। शीत लहर की वजह से, आपके वाइटल ऑर्गन्स जैसे- फेफड़े, दिल आदि पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है और उनके काम में दिक्कत आ सकती है, जो काफी घातक साबित हो सकता है। यह उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है, जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं, जैसे- अस्थमा, सीओपीडी आदि। ब्लड वेसल्स कॉन्स्ट्रिक्शन की वजह से यह हार्ट के लिए हानिकारक होता है, यह तो समझ आता है, लेकिन यह फेफड़ों को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं कैसे ठंड आपके फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है और कैसे इससे बचाव कर सकते हैं। सर्दियों में खुद को गर्म रखने के लिए हम ऊनी कपड़े पहनते हैं, लेकिन ठंडी हवा हमारी स्वांस नली में जाती है, जो काफी शुष्क होती है। इस कारण से हमारी स्वांस नली यानी एयर पैसेज में इरिटेशन होने लगती है और वह सिकुड़ने लगता है, जिसे ब्रॉन्कोस्पैस्म (bronchospasm) कहते हैं। इसके लक्षण काफी हद तक, अस्थमा जैसे ही होते हैं, जैसे- सांस लेने में तकलीफ होना, कफिंग, वीजिंग आदि। यह समस्या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पलमनरी डिजीज के मरीजों लिए और भी खतरनाक हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव किया जाए। सर्दी की शुष्क हवा से अपने फेफड़ों को बचाने के लिए कम से कम बाहर निकलें। अगर आवश्यकता न हो, तो घर के भीतर ही रहें। शीत लहर से बचने का यह सबसे बेहतर विकल्प है। अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं, तो अपने मुंह और नाक को ढक कर रखें। इससे ठंडी हवा सीधी आपके फेफड़ों में नहीं जाएगी। स्कार्फ या मास्क के इस्तेमाल से हवा भीतर प्रवेश करते समय, उतनी ठंडी नहीं होती। बाहर एक्सरसाइज करना आपके फेफड़ों के लिए काफी स्ट्रेसिंग हो सकता है। इसलिए बाहर एक्सरसाइज न करें। साथ ही, बाहर कोई हेवी एक्सरसाइज भी न करें। इससे सांस लेने में अधिक तकलीफ हो सकती है। कई बार हम अपनी नाक की जगह, अपने मुंह से सांस लेते हैं, जिस वजह से हवा उतनी ह्यूमिडिफाई नहीं होती और एयर पैसेज में तकलीफ हो सकती है। इसलिए नाक से सांस लें, ताकि हवा में नमी आ सके। पानी की कमी की वजह से म्यूकस की परत मोटी होने लगती है, जो एयर पैसेज को ब्लॉक कर सकती है। इसलिए पानी भरपूर मात्रा में पीएं, ताकि म्यूकस की लेयर पतली रहे। सीओपीडी के मरीजों के लिए यह मौसम अधिक कठिन होता है, इसलिए हमेशा अपने साथ इनहेलर रखें, ताकि सांस लेने में कोई तकलीफ न हो। अगर आपको सर्दी की वजह से अधिक समस्या हो रही है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और सलाह लें कि कैसे इन समस्याओं से बचा जा सकता है।