वाराणसी। अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में धूम मची है। हर कोई 22 जनवरी को होने वाले समारोह को अपने तरीके से यादगार बनाने में जुटा है। ऐसे में गुलाबी मीनाकारी के राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित हस्तशिल्पी वाराणसी के कुंज बिहारी ने सोने, चांदी और डायमंड से 108 दिनों की मेहनत से श्रीराम मंदिर की अनुकृति बनाई है। जीआई और ओडीओपी उत्पादों में शुमार गुलाबी मीनाकारी की चमक पूरी दुनिया में है। वाराणसी के गाय घाट निवासी नेशनल अवॉर्ड से नवाजे गए शिल्पकार कुंज बिहारी का दावा है कि पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्रीराम मंदिर की अनुकृति बनाई गई है। इसको बनाने में 108 दिन का समय लगा है। गुलाबी मीनाकारी में सोने और चांदी का प्रयोग किया जाता है। राम मंदिर की अनुकृति लगभग 2.5 किलो की है जो 12 इंच ऊंची, 8 इंच चौड़ी और 12 इंच लंबी है। इसमें सोना, करीब डेढ़ किलो चांदी और अनकट डायमंड शिखर पर लगाया गया है। प्रभु राम के मंदिर की प्रतिकृति 108 पार्ट्स से निर्मित किया गया है। मंदिर की रेप्लिका में रामलला की सोने की मूर्ति भी है। उन्होंने बताया कि इस अनुकृति को बनाने में श्री राम की कृपा रही है। पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्रीराम मंदिर बनाने की जब कोशिश की जा रही थी, तब वह पहले तो आकार ही नहीं ले पा रही थी, मगर जब प्रभु श्रीराम का नाम लेकर तथा उनके भजन सुनते हुए काम शुरू किया गया तो देखते ही देखते गुलाबी मीनाकारी से मंदिर ने अपना स्वरूप ले लिया। उन्होंने बताया कि मोदी व योगी के प्रयासों से आज गुलाबी मीनाकारी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल गई है। इसलिए इस नायब हुनर को मोदी और योगी के माध्यम से श्री राम मंदिर को समर्पित करना चाहते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी के शिल्पियों के हुनर का बेजोड़ नमूना गुलाबी मीनाकारी के उत्पाद उपहार में देते रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरीस, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री और फ्रांस के मैनुअल माइक्रोन की पत्नी को भी जीआई प्रोडक्ट के अनोखे तोहफे दे चुके हैं। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी को योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से पंख लग गया है। अब ये उत्पाद लोकल टू ग्लोबल हो गया है। गुलाबी मीनाकारी की चमक विदेशों में चमकने लगी है।