चार घंटे दहशत में रहे दो परिवार थमी रहीं सांसें, सुखविंदर बोले- हम पर जो बीती बता नहीं सकते

पीलीभीत। कलीनगर में आधी रात को घर के आंगन में बाघिन की मौजूदगी देख किसान सुखविंदर और उनके पड़ोसी जसविंदर के माथे पर जाड़ों की सर्द रातों में पसीना आ गया। परिवार में दहशत फैल गई। बरामदे में सो रहे परिजन ने एकाएक भागकर खुद को कमरे में बंद कर लिया। करीब चार घंटे बाद सुबह पांच बजे वन विभाग की टीम के पहुंचने के बाद परिजन ने राहत महसूस की। बाघिन के पकड़ने जाने के बाद ही परिजन ने खाना-पीना शुरू किया। किसान सुखविंदर सिंह ने बताया कि रात में पूरा परिवार बरामदे में सो रहा था। रात एक बजे जब बाघिन को आंगन में घूमते देखा तो सब घबरा गए। रात एक से सुबह पांच बजे तक उन पर जो बीती है, बता नहीं सकते। महिलाओं और बच्चों को कमरे में कैद कर खिड़की से बाघिन की गतिविधियों को देखना शुरू किया। सुबह पांच बजे तक घर में कोई नहीं पहुंचा था। सुबह पांच बजे के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जाल लगना शुरू किया तब थोड़ी राहत मिली। पकड़ी गई बाघिन ने दो माह से छह गांवों में दहशत फैला रखी थी। सोमवार शाम जमुनिया गांव की सीमा में बाघिन की मौजूदगी देखी गई थी। वन विभाग के अफसरों का भी कहना है कि पकड़ी गई बाघिन ही पिछले दो माह से आबादी के आसपास वाले इलाके में घूम रही थी। कलीनगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दो माह से बाघिन की चहलकदमी देखी जा रही थी। पिपरिया संतोष गांव सीमा से लेकर जमुनिया, बासखेड़ा, वीरखेड़ा, चांदूपुर गांव के आसपास बाघिन घूम रही थी। दो माह में चार-पांच पशुओं का शिकार कर चुकी है यह बाघिन। बाघिन के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे। दहशत के चलते शाम होते ही लोग घरों से बाहर निकलने में घबरा रहे थे। पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि यह वही बाघिन है, जो पिछले दो माह से क्षेत्र में घूम रही थी। रेस्क्यू के दौरान बाघिन के एक डॉट दीवार पर बैठने के दौरान भी मारी गई थी, जिसे बाघिन ने मुंह से निकालकर चबाकर छोड़ दिया था। इसके बाद दो और डॉट मारी गईं। दवा का असर होने के बाद बाघिन नीचे गिर गई। इसके बाद रेस्क्यू टीम बाघिन को कैद करने के लिए आगे बढ़ी। पूरी तरह बेहोश न होने पर बाघिन चहलकदमी करने लगी। कुछ देर तक वनकर्मी कपड़ा लेकर बाघिन के पीछे चलते रहे। इसी दौरान एक कर्मी ने पूंछ पकड़कर उसे रोकने का प्रयास किया। एक ग्रामीण जाल के अंदर घुस गया और बाघिन को हाथ से धकेल दिया। एक और डॉट मारने के बाद बाघिन को पिंजरे में कैद किया जा सका। 1:00 बजे बाघिन घर में घुसी 5:00 बजे वन विभाग की टीम गांव पहुंची 5.30 बजे बाघिन की मौजूदगी वाले स्थान के चारों ओर जाल लगाया 10:00 बजे डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल, पशु चिकित्सक दक्ष गंगवार आदि मौके पर पहुंचे 11:00 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ 12:00 बजे बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया।