स्वास्थ्य। सर्दियों के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द रहना,आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना और नाक से बहुत तेज पानी आना साइनस के ही लक्षण हैं। जिसमें कंजेशन बढ़ने पर नाक में बहुत जलन भी होने लगता है। साथ-साथ आंखों के पलकों के किनारों पर दर्द, हल्का बुखार, तनाव, निराशा और चेहरे पर सूजन भी हो सकता है। ऐसे में धूल और धुआं परेशानी को और भी बढ़ा सकता है। इस रोग का समय रहते इलाज न किया गया तो यह आगे चलकर गम्भीर बीमारी जैसे अस्थमा या दमा में भी बदल सकता है, जिसकी वजह से हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। देखा जाए, तो साइनस के संक्रमण में साइनस झिल्ली में सूजन आ जाती है, जिससे इसमें हवा की जगह मवाद और कफ जमा हो जाता है। इससे हमारा साइनस बंद हो जाता है और इसी वजह से, पूरे चेहरे और सिर में तेज दर्द होने लगता है। साइनस होने का प्रमुख कारण है जुकाम, नाक की हड्डी का बढ़ना या टेढ़ा होना, प्रदूषण, एलर्जी ,अनहेल्दी लाइफस्टाइल, हमारा खानपान और सर्दियों में चलती ठंडी हवाएं। तो आइए, जानते हैं कि साइनस की समस्या से बचने के कुछ आसान उपाय। एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल्स युक्त अदरक साइनस में और साइनस से बचने में किसी वरदान से कम नहीं हैं। इतना ही नहीं ये एंटी वायरल, एंटी बैक्टिरियल और एंटी फंगल गुणों से भी भरपूर होता है, जो कि साइनस में बंद नाक से छुटकारा दिलाता है और साइन्युसाइटिस रोग नहीं होने देता। अदरक के चार पांच टुकड़ों को पानी में उबाल कर इसकी चाय को दिन में दो बार पीना, साइनस से छुटकारा दिलाता है। इसमें मौजूद एंटी-बायोटिक्स सर्दी जुकाम या साइनस में होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाते हैं। इसलिए सर्दियों में प्रतिदिन इसका बना काढ़ा, आपको अंदर से गर्म बनाए रखने में भी मदद करता है।प्याज और लहसुन दोनों को बराबर मात्रा में किसी पतीले में पानी के साथ बॉयल करें और दस मिनट में इसका भाप लें। इससे साइनस में होने वाले दर्द में राहत मिलती है।सर्दी हो या फिर गर्मी खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए प्रतिदिन तीन से चार लीटर पानी पीना जरूरी है। शरीर का हाइड्रेटेड न होना भी बहुत सारी बीमारियों का जड़ है। पानी शरीर को डिटॉक्स के लिए बहुत जरूरी है।एक चम्मच कच्ची हल्दी का पेस्ट और एक कप दूध को पका कर, उसमें शहद मिलाकर पीने से साइनस में बहुत ही आराम मिलता है।