नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि आज मैं इस मंच से COP33 को भारत में होस्ट करने का प्रस्ताव रखता हूं। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत द्वारा पर्यावरण को लेकर किए गए भारत के प्रयासों का भी जिक्र किया। दुबई में COP28 में पीएम मोदी ने कहा, “भारत ने पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच बेहतरीन संतुलन बनाकर दुनिया के सामने विकास का एक मॉडल पेश किया है।” इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों की भागीदारी के माध्यम से कार्बन सिंक बनाने पर केंद्रित ग्रीन क्रेडिट पहल शुरू की। दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों के प्रमुखों के उच्च स्तरीय वर्ग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर दुनिया के सामने एक महान उदाहरण पेश किया है। दरअसल, भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जो ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित राष्ट्रीय योजनाओं को हासिल करने की राह पर है। COP28 के अध्यक्ष सुल्तान अल जाबेर और संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन के अध्यक्ष साइमन स्टिल के साथ उद्घाटन पूर्ण सत्र में शामिल होने वाले एकमात्र नेता पीएम मोदी थे। प्रधानमंत्री ने शमन और अनुकूलन के बीच संतुलन बनाए रखने का आह्वान किया और कहा कि दुनिया भर में ऊर्जा परिवर्तन न्यायसंगत और समावेशी होना चाहिए।