सुल्तानपुर।चिकित्सक घनश्याम तिवारी की बेरहमी से हत्या करने का मुख्य आरोपी 50 हजार का इनामी अजय नारायन को पुलिस और एसटीएफ की टीमें गिरफ्तार नहीं कर सकीं। 17 वें दिन वह अपने ड्राइवर के साथ आराम से पयागीपुर चौराहे पर बस से उतरा और शान से पुलिस चौकी में जाकर सरेंडर कर दिया। उसके इस स्टाइल से अब उन लोगों में दहशत हो गई है, जिन्होंने हाल ही में नारायनपुर में मुख्य आरोपी व उसके परिवार के खिलाफ धड़ाधड़ केस दर्ज कराए हैं। 23 सितंबर को जयसिंहपुर सीएचसी में तैनात संविदा चिकित्सक घनश्याम तिवारी की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उन्हें बुरी तरह मारने के बाद दबंगई दिखाते हुए हत्यारों ने उनके शरीर को एक ई-रिक्शा में बैठाकर उनके घर भिजवा दिया था। इस घटना को लेकर सुल्तानपुर ही नहीं आसपास के जिलों में भी जबर्दस्त जनाक्रोश दिखाई दिया। चिकित्सक की शोकसभा में भी हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ ने यह आक्रोश व्यक्त किया। यह आक्रोश पुलिस की लचर कार्रवाई को लेकर भी था। इसके बाद आईजी प्रवीण कुमार समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में कठोर कार्रवाई का दम भरा। पुलिस की कई टीमों से लेकर स्वाट और एसटीएफ भी उसकी तलाश में लगाई गई। 50 हजार का ईनामी घोषित करने के बाद उसे भगोड़ा भी करार दे दिया गया। किंतु 16 दिन में पुलिस अफसरों के दावे के अनुसार उसका पता नहीं लगाया जा सका। 17वें दिन सोमवार की शाम को 50 हजार का इनामी अजय नारायन बस से पयागीपुर चौराहे पर उतरा, वहां से लक्ष्मणपुर चौकी पहुंचकर सरेंडर किया। एसपी सोमेन बर्मा ने बताया कि अजय नारायण व उसके ड्राइवर दीपक सिंह को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है।