बदायूं। (विधि संवाददाता सुधीर कश्यप) भगवान नीलकंठ महादेव बनाम जामा मस्जिद मामले में गुरुवार को नीलकंठ महादेव पक्ष की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से दाखिल पक्ष पर आपत्ति दाखिल की गई अब इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में 9 सितंबर को सुनवाई होगी मामले में पूर्व की नियत तारीख पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मेरठ मंडल के अधीक्षण द्वारा अपना पक्ष रखा गया जिसमे कहा गया कि साल 1920 में केंद्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया जा चुका है जो आज भी उसी स्वरूप में है बदायूं के सिविल जज सीनियर डिवीजन बदायूं कि कोर्ट में चल रहे भगवान नीलकंठ महादेव बनाम जामा मस्जिद के मुकदमे मे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मेरठ मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद विनोद सिंह रावत ने अपना पक्ष मय शपथ पत्र जिला शासकीय अधिवक्ता सिबिल के माध्यम से न्यायालय में रखा यह भी उल्लेख किया कि बह सचिव संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से अपना पक्ष कोर्ट में रख रहें है पक्ष में लिखित रूप से उल्लेख किए गए की विवादित जगह 22 दिसंबर 1920 के द्वारा केंद्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था जो आज भी उसी स्वरूप में है प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम का हवाला देते हुए विधिक बिंदु उल्लेख किए गये साथ ही दावा निरस्त करने की भी मांग की गई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से दाखिल पक्ष पर गुरुवार को नीलकंठ महादेव पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल की गई अब इस मामले में 9 सितंबर को सुनवाई होगी