आजमगढ़। अधिवक्ता व कांग्रेस नेता राजनारायन सिंह हत्याकांड में शुक्रवार को कोर्ट ने पूर्व मंत्री व भाजपा नेता अंगद यादव समेत चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं गैंगस्टर के मामले में चारों को सात-सात साल की सजा और 10-10 हजार के जुर्माने से भी दंडित किया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ओम प्रकाश वर्मा ने पूर्व मंत्री अंगद यादव, सुनील सिंह, अरूण यादव और शैलेश उर्फ तेली को कोर्ट ने दोषी पाया। शुक्रवार को सजा सुनाई गई। अंगद यादव निजामाबाद विधानसभा सीट से कई बार विधायक चुने गए। बसपा सरकार में वे मंत्री भी बनाए गए थे। अंगद यादव पर हत्या समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वर्तमान में वह जेल की सलाखों के पीछे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में निजामाबाद सीट से भाजपा ने अंगद यादव के भतीजे मनोज यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था। 19 दिसंबर 2015 को राजनारायन सिंह निवासी सम्मोपुर थाना सिधारी टहलने के लिए घर से निकले थे। पल्हनी ब्लाक मुख्यालय के सामने घात लगा कर बैठे शूटरों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग की। मौके पर राजनारायण सिंह की मौत हो गई थी। राजनारायण सिंह की पत्नी सुधा सिंह ने पूर्व मंत्री अंगद यादव, अपने पट्टीदार सुनील सिंह को नामजद किया था। पुलिस की विवेचना में शूटर के रूप में सरफूद्दीनपुर मुहल्ला निवासी अरूण यादव और शैलेश यादव का नाम प्रकाश में आया। पूर्व मंत्री समेत सभी आरोपी वर्तमान में जेल की सलाखों के पीछे हैं। राजनारायण सिंह हत्याकांड में चारों अरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई। तो वहीं इस प्रकरण में लगे गैंगस्टर के मामले में कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को सात-सात साल की सजा के साथ ही 10-10 हजार के जुर्माने से दंडित किया। अंगद यादव और राजनारायन सिंह बहुत करीबी थे। राजनारायन सिंह ने ही अंगद यादव की बेटी का विवाह मुंबई के संपन्न परिवार में कराया था। बाद में लड़की के व्यवहार से परिवार वाले खुश नहीं थे। जिसके बाद मामले में मुकदमा दर्ज हो गया। इस मुकदमें को वापस लेने के लिए अंगद यादव ने राजनारायन सिंह पर दबाव बनाया था और अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी।