दही का इस्तेमाल गर्मियों में खासकर बढ़ जाता है। इससे रायता, लस्सी, छास, कढ़ी और यहां तक कि इससे मीठे पकवान भी तैयार किए जाते हैं। यह सभी भारतीय पकवानों के साथ भी अच्छा लगता है। इसलिए गर्मियों में खासतौर पर खूब खाया जाता है। दही खाने के कई फायदे हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा दही नुकसान भी पहुंचा सकता है। हालांकि, दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया आपके शरीर को पोषण ही देते हैं। तो आइए जानें कि रोजाना दही खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स और फाइबर पाचन और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करते हैं, जिससे कब्ज़ और बदहजमी की समस्या नहीं होती। दही एक प्रोबायोटिक भरपूर फूड है, जो इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है। इसमें प्रदूषकों को हटाने में मदद करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं ताकि फ्री-रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। एंटीऑक्सीडेंट्स कोलाजन के उत्पादन को स्पोर्ट करते हैं और साथ ही रक्त प्रवाह भी बेहतर होता है, जिससे स्किन हेल्दी लगती है और ग्लो करती है। दही को रात के समय नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे पाचन धीमा पड़ता है और रात में प्राकृतिक तौर पर भी शरीर पाचन को धीमा कर देती है। इसलिए रात में फाइबर से भरपूर खाना खाने से अपच, एसिड रीफलक्स और सीने में जलन बढ़ सकती है। आर्थराइटिस और जोड़ों में दर्द से जूझ रहे लोगों को दही का सेवन कम कर देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दही में कासेन होता है, जो सूजन और जोड़ों में दर्द की वजह बनता है। जो लोग लैक्टॉस इंटॉलेरेंट होते हैं यानी जिन्हें दूध के प्रोडक्ट्स से एलर्जी होती है, उनमें दही का सेवन कई बार दस्त, स्किन एलर्जी और सांस लेने में दिक्कत जैसे समस्याएं पैदा कर देता है। दही का सेवन पाचन को धीमा करता है, जिससे ब्लोटिंग, कब्ज और मल त्यागने में दिक्कत जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।