दुर्गा मंदिर में मकर संक्रांति पर्व पर यज्ञ और खिचड़ी भोज हुआ

बदायू। युवा संकल्प सेवा समिति के तत्वधान में दुर्गा मंदिर में मकर संक्रांति पर्व पर यज्ञ का आयोजन किया गया ।उसमें मुख्य यजमान पूर्व सभासद नन्हें लाल कश्यप उपस्थित रहे। उसके उपरांत खिचड़ी वितरण का कार्यक्रम किया गया।
संस्था के सचिव पुनीत कुमार कश्यप एडवोकेट ने महा संक्रांति के पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकम्बलम।
स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति॥मकर संक्रान्ति के अवसर पर गंगास्नान एवं गंगातट पर खिचड़ी,तिल दान को अत्यन्त शुभ माना गया है। इस पर्व पर तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गयी है। सामान्यत: सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं, किन्तु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त फलदायक है। यह प्रवेश अथवा संक्रमण क्रिया छ:-छ: माह के अन्तराल पर होती है। भारत देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।
सामान्यत: भारतीय पंचांग पद्धति की समस्त तिथियाँ चन्द्रमा की गति को आधार मानकर निर्धारित की जाती हैं, किन्तु मकर संक्रान्ति को सूर्य की गति से निर्धारित किया जाता है। हमारे पवित्र वेद, भागवत गीता जी तथा परमात्मा का संविधान यह कहता है कि यदि हम पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर एक पूर्ण परमात्मा की भक्ति करें तो वह इस धरती को स्वर्ग बना देगा।
संस्था के कोषाध्यक्ष योगेंद्र सागर ने कहा कि मकर संक्रान्ति के अवसर पर भारत के विभिन्न भागों में, और विशेषकर गुजरात में, पतंग उड़ाने की प्रथा है।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं। चूँकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। । मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।
इस मौके पर पंडित त्रिलोक कृष्ण मुरारी, पंडित वैभव पाराशर, समिति के अध्यक्ष सुधीर कुमार कश्यप,दुर्गा मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजाराम कश्यप,भानु तोमर अंकित राठौर, प्रदीप कश्यप, मुनीश कुमार, विशाल वैश्य, दिनेश कुमार, अरविंद कुमार, अजय कुमार, राजेन्द्र शाक्य नितिन कश्यप, आदि लोग उपस्थित रहे।
