बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव नगला डल्लू में शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन आज बुधवार को कथावाचक हरिओम शास्त्री ने भक्तों को श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह की कथा को सुनाया। यहां कृष्ण भगवान के साथ गोपियों का मयूर नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। नारद जी भ्रमण पर निकले तो रुक्मणी के पिता से मिलकर उन्होंने बताया कि रुक्मणी का विवाह तीन पगों में तीन लोक नापने वाले त्रिलोकी नाथ श्री कृष्ण जैसे योग्य वर से होगा। उन्होंने राजा भीष्मक को यह भी बताया कि रुक्मणी को ब्याहने के लिए उनके घर दो वर आएंगे। नारद की बात सुनकर रुकमणी के भाई रुक्मण इस बात से नाराज हो जाते हैं। अपनी बहन रुक्मणी की शादी अपने मित्र राजा शीशपाल से कराना चाहते हैं। वह राजा शीशपाल को अपनी बहन के विवाह का प्रस्ताव भेजते हैं। और साथ में उनको इस बात की चिता भी सताने लगती है कि कहीं श्री कृष्ण जी बारात लेकर ना आ जाएं। इसलिए वह जरासंध को भी अपनी सेना साथ लाने को कहते हैं। उधर, रुक्मणी इस बात का संदेशा श्री कृष्ण को भिजवा देती है। श्री कृष्ण गौरी शंकर मंदिर में पूजा करने पहुंचीं रुक्मणी को हर कर ले जाते हैं। जब शीशपाल और जरासंध को इस घटना का पता लगता है तो वह उनका पीछा करते हैं। रुक्मण को जब यह एहसास हुआ कि श्री कृष्ण स्वयं नारायण हैं और रुक्मणी लक्ष्मी जी हैं, तो वह श्री कृष्ण और रुक्मणी का स्वयं विवाह करवाते हैं। गांव के बच्चों को इस लीला को देख कर भाव विभोर हो उठे। इस मौके पर लोचन सिंह, राजेश कश्पय, राजू कोहली, योगेंद्र सिंह, दीपक शर्मा, नत्थू सिंह, राकेश प्रजापति,जाहिद अली, चमन मिस्त्री, रामचंद्र, महेश शर्मा, मनमोहन मौर्य, रक्षपाल सिंह आदि मौजूद रहे।