सिविल पेंशनर्स यूनियन परिषद की बैठक में तीनो संघो के सदस्यों का स्वागत किया

बदायूं। उत्तर प्रदेश सिविल पेंशनर्स जनपद शाखा की बैठक संघ भवन और आहूत की गई जिसकी अध्यक्षता संघ के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा जी ने की।
सिविल पेंशनर्स यूनियन परिषद के तत्वाधान में आज की विशेष बैठक शिक्षक दिवस के उपलक्ष में सर्वसम्मति से चर्चा का विषय रहा।
आज की बैठक में मुख्य रूप से नबीन तीन सितारे उपस्थित हुए जिन्होंने सदस्यता ग्रहण की। सिंचाई विभाग जनपद एटा से सेवानिवृत्त इंजीनियर प्रमोद कुमार शर्मा, राजस्व विभाग से सेवा निवृत्त कानूनगो पद से राधेश्याम, सीएमओ कार्यालय से सेवा निबृत् वाहन चालक पद से मोहम्मद अहमद।
जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने तीनों सेवानिवृत्त कर्मचारियों का केशर तिलक लगाया,माला पहनाई
और बैज लगाकर सम्मानित किया।सभी ने मिलकर
तीनों संघ के नए सदस्यों का जोरदार स्वागत किया।
संघ के प्रांतीय नेता और संरक्षक भीमसेन सागर जी ने तीनों का आभार व्यक्त करते हुए अपने परिवार में सम्मिलित होने के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी
राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त आचार्य प्रताप सिंह जी ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के कार्यों और अनुभावों को सराहते हुए श्रद्धांजलिअर्पित की।
भीमसेन सागर ने डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णजी के कार्य गुण और अनुभवों को सराहा।
संघ के सदस्य भुवनेश कुमार ने स्पीकर का पूरा सेट संघ भवन को समर्पित किया।
बैठक में उपस्थित बृजेश कुमार चौहान ने सर्व समाज में हो रही कुरीतियों को दूर करने की बात कही शिक्षकों के द्वारा दी जाने वाली शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए अपनी कविता को प्रस्तुत किया।
संसार एक सुख-दुःख की नदी का किनारा है ।
न जाने कहां बहता जाये बहती नदिया का धारा है।
इंजीनियर प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा भारत में भारतीय परिवेश, भारतीय संस्कृति और संस्कार का हमारे सामाजिक जीवन से पतन हो रहा है। अपने बीच में नई पीढ़ी को बैठाकर जागृत करें और उन्हें संस्कार, संस्कृति के प्रति शुद्रढ बनाएं जिस से नई पीढ़ी संस्कार की अलग जगे।।
शर्मा ने आगे कहा डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण जी जगत के शिक्षाविद के ज्ञाता ही नहीं बल्कि दिमागी इंजीनियर भी थे।
उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत में अंग्रेजों के साथ डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण की यात्रा का बखान करते हुए एक घटना को अवगत कराया जिसमें अंग्रेजों ने उनकी ज्ञान और इंजीनियर का लोहा
माना ।अंग्रेजों ने उनकी इंजीनियरिंग का एहसान मानते हुए उनके व्यवहार को सराहा उनके गुण और आदर्शों को स्वीकार किया। शर्मा ने दिल को छू लेने वाली रचना अपने शब्दों में सुनाया।
तीन पहर तो बीत गए, बस एक बार ही बाकी है।
जीवन हाथों से फिसल गया, बस खाली मुट्ठी बाकी है।।
सब कुछ पाया इस जीवन में,फिर भी इच्छाएं बाकी है।
दुनिया से हमने क्या पाया ,यह लेखा जोखा बहुत हुआ।।
इस जग ने हमसे क्या पाया, बस ये गणनाएं बाकी है।।
इस भागदौड़ की दुनिया में, हमको इक पल होश नहीं।
वैसे तोजीवन सुख में है,पर फिर भी संतोष नहीं।
संगठन के जिला मंत्री सुजान सिंह राठौर और कोषाध्यक्ष गुलाब सिंह राठौर ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के गुणों का बखान किया।
आज की बैठक का संचालन आचार्य प्रताप सिंह जी ने किया।
बैठक में संतोष कुमार शर्मा , हरिओम वर्मा ,गोधन सिंह ,योगेश चतुर्वेदी, राम अवतार शर्मा ,भुवनेश श्याम किशोर गुप्ता आदि आदि उपस्थित रहे