नए मतदाताओं को डीईओ ने वांटे मतदाता पहचान पत्र

बदायूँ। जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार प्रशान्त ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नरेन्द्र बहादुर सिंह के साथ सोमवार को राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय मतदाता दिवस का फीता काटकर, मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं माल्यार्पण कर उद्घाटन किया। डीईओ ने सभी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शपथ दिलाई एवं नए मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र वितरित किए, साथ ही काॅलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
डीईओ ने कहा कि 25 जनवरी का दिन देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 में एक स्वतंत्र भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी। देश में शासन कैसे चलेगा और नीतियां किस प्रकार बनेंगी, इसका फैसला संसद भवन में किया जाता है, इसीलिए संसद भवन को मिनी इंडिया के रूप में भी देखा जाता है और नीतियों से कैसे लोगों को लाभ पहुंचेगा, वह जनप्रतिनिधि तय करते हुए, जिन्हे वोट देकर आपने संसद तक पहुंचाया है। इसलिए लोकतंत्र में एक-एक वोट महत्वपूर्ण होता है। संविधान में आर्टिकल 324 एवं 326 बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें आर्टिकल 324 बताता है कि भारत में एक स्वतंत्र भारत निर्वाचन आयोग होगा एवं आर्टिकल 324 बताता है 326 व्यस्क मताधिकार। स्वतंत्र निर्वाचन आयोग इसलिए ज़रूरी है कि जो भी सरकारें चुनी जाएं वह निष्पक्ष रूप से चुनी जाएं। व्यस्क मताधिकार यह कहता है कि एक व्यक्ति का एक वोट बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि फर्क नहीं पड़ता कि किस जाति, धर्म, सम्रदाय का है व उसकी आर्थिक स्थिति कैसी है। देश के सबसे अमीर व्यक्ति और सबसे गरीब व्यक्ति के वोट का महत्व समान ही है। उसमें कोई भी फर्क नहीं है। इसी से पता चलता है कि संविधान के निर्माता की लोकतंत्र में कितनी आस्था थी। यही वजह है कि लोकतंत्र आज भी अमर है, उन्ही की दूरदृष्टि थी। डीएम ने अपील की है अपने मताधिकार की महत्वता को समझते हुए मताधिकर का अवश्य प्रयोग करे। यह महत्वपूर्ण अधिकार संविधान ने दिया है। नए मतदाताओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आप लोकतंत्र के महापर्व में भागीदार बनेंगे। इसके साक्षी बनेंगे, आपके कांधों पर यह बहुत ही महत्वपूर्व जिम्मेदारी रखी गई है, मुझे विश्वास है जिम्मेदारी का निर्वाहन करते हुए आप देश को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
एसएसपी ने कहा कि सन् 1950 में संविधान बन जाने के बाद हमने लोकतंत्र अपनाया और मत का अधिकार हमें मिला, लेकिन उससे पहले ब्रिटिशकाल में लिमिटेड लोगों को ही वोटिंग राइट्स होते थे। इकोनाॅमी कंडीशन एंड एजूकेशन के आधार पर वोटिंग राइट्स मिलते थे। इसके पीछे यह धारणा थी कि अधिकतर लोग अशिक्षित थे और वह अपने मताधिकार का सही प्रकार प्रयोग नहीं कर पाते थे। इसपर काफी बहस भी हुईं और अंत में यह निश्चय हुआ कि व्यक्ति को 18 वर्ष की आयु होेने पर सभी को वोट का अधिकार दिया जाएगा। फिर चाहें उसकी इकोनाॅमी कंडीशन और शिक्षा का स्तर कुछ भी हो, सभी को मताधिकार दिया गया और आज हम विश्व के अकेले सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। 18 वर्ष पूर्ण करने वाले नए मतदाताओं को बधाई और वह सही और गलत की पहचान करते हुए सभी अपने मत का प्रयोग अवश्य करें।
इससे पूर्व डीईओ ने कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में उप जिला निर्वाचन अधिकारी नरेन्द्र बहादुर सिंह एवं अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु पुनिया सहित व जिला स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ भी राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शपथ दिलाई। दोनों ही स्थानांे पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने भारत के मुख्य निर्वाचन आयोग के संदेश को भी पढ़कर सुनाया।