व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका” विषय पर भाषण प्रतियोगिता में अनुष्का
बदायूँ: स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। ऐसी बुनियाद जिस पर भारत का विराट सांस्कृतिक महल खड़ा है। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। – डॉ गार्गी बुलबुल
युवा महोत्सव के द्वितीय दिवस ” स्वामी विवेकानंद जी का व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर तीन दिवसीय युवा महोत्सव के क्रम में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे स्वयंसेविकाओं ने अपने अपने विचार रखें। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या डॉ० गार्गी बुलबुल द्वारा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन कार्यक्रम अधिकारी असि० प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती ने किया। “स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम स्थान अनुष्का ने द्वितीय स्थान अनुषी एवं तृतीय स्थान पर शिवांगी पटेल रहीं। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल ने बताया कि स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। ऐसी बुनियाद जिस पर भारत का विराट सांस्कृतिक महल खड़ा है। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। कार्यक्रम अधिकारी असि० प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती ने बताया कि भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उनके विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने के लिए रामबाण औषधि हैं। स्वामीजी ने शिक्षा को समाज की रीढ़ माना है। उनके अनुसार शिक्षा मनुष्यता की संपूर्णता का प्रदर्शन है। स्वामीजी ने कहा है कि जो शिक्षा मनुष्य में आत्मनिर्भरता एवं आत्मविश्वास न जगाए, उस शिक्षा का कोई औचित्य नहीं है। शिक्षा से व्यक्तित्व का निर्माण, जीवन जीने की दिशा एवं चरित्र निर्माण होना चाहिए। डॉ०ममता, डॉ०सोनी, डॉ०शिल्पी तोमर, डॉ०अनिता, डॉ०निशा शाहू, आदि ने अपने विचारों द्वारा स्वयंसेविकाओं का मार्गदर्शन किया।
सभी विजेता प्रतिभागियों को प्राचार्या जी ने शुभकामनाएं दी। निर्णायक के रूप में डॉ०सोनी, डॉ०शिल्पी तोमर, डॉ०अनिता, ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया। स्वयं सेविकाओं में राखी कश्यप, प्रिया गुप्ता, शिवांगी, कविता, अनुषी, राजकुमारी, अनीताआदि कीसहभागिता रही। अन्त में सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम अधिकारी ने राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।




















































































