बिल्सी। नगर के सिद्धपीठ श्री बालाजी धाम के तत्वावधान में ज्वाला प्रसाद जैन बाल निकेतन स्कूल में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथा व्यास पुष्कर पीठाधीश्वर जगद्गुरू श्री रामानुजाचार्य स्वामी रामचन्द्राचार्य ने कथा सुनाते हुए भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए माखन चोरी की लीलाओं का तात्विक प्रवचन किया। भगवान की बाल लीलाओं को देखकर गोपियां भगवान से प्रार्थना करती हैं। हे प्रभु आप हमारे घर भी पधारे हमारे घर में उधम मचाए हमारी मटकीयों को फोड़े हमारा मक्खन फैलाएं और हम चोर-चोर कहते हुए आपके पीछे भागे। इस प्रकार की अद्भुत प्रार्थना को सुनकर भगवान गोपियों के यहां जा कर माखन चोरी करते हैं। क्रोधी की अवस्था में व्यक्ति की स्मृति का विनाश हो जाता है। नुकसान होने के बाद व्यक्ति समझ पाता है। मैंने क्या खोया, मैंने क्या गवाया जो भगवान के अनन्य भक्त होते हैं। उनकी प्रेम भक्ति को देखकर आप्त समस्त काम परमात्मा के हृदय में कामनाएं उत्पन्न हो जाती हैं। भगवान ब्रजवासियों के प्रेम में बंधकर एक चुल्लू छाछ के लिए नाचते हैं। भगवान की बाल लीलाएं बड़ी अटपटी हैं। भगवान की बाल लीलाओं का आनंद बुद्धि के द्वारा नहीं लेना चाहिए। भगवान में जो बुद्धि लगाता है वह निश्चय ही मूर्ख है। क्योंकि भगवान बुद्धि का नहीं हृदय का विषय हैं। बुद्धि संसार में लगानी चाहिए। मन भगवान के चरणों में लगाना चाहिए। इसके बाज भागवत कथा की आरती महन्त मटरुमल शर्मा महाराज, धर्मपत्नी शांति देवी ने की। उसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर प्रदीप शर्मा, ओजित शर्मा, संजीव शर्मा, राजीव शर्मा, यश भारद्वाज, राजीव शर्मा, पुष्कीन माहेश्वरी, देव वार्ष्णेय, कुशाग्र माहेश्वरी, देवांश सोमानी, शिवकुमार, सनुज माहेश्वरी, रंजन माहेश्वरी, जितेंद्र वार्ष्णेय, राजेश माहेश्वरी, कल्पना भारद्वाज, ममता राठी, सारिका राठी, धरती माहेश्वरी, सरिता माहेश्वरी, लता माहेश्वरी, शिवकुमार, दीपक माहेश्वरी, रामप्रकाश माहेश्वरी, मोहित देवल, मुकेश गुप्ता, डा.राजाबाबू वार्ष्णेय, देवकीनंदन शास्त्री, नरेंद्र गरल, आशीष बशिष्ठ, गिरीश गिरि ,मुनीशगिरि ,सुभाष बाहेती,जय प्रकाश माहेश्वरी ,कपिल माहेश्वरी ,रवि वाष्र्णेय, सोमेन्द्र तोष्णीवाल, हरिओम शर्मा, नीरज तोष्णीवाल, राजेश माहेश्वरी, सुवीन माहेश्वरी, चंद्रपाल माहेश्वरी, भुवनेश्वर राठी, सुभाष माहेश्वरी समेत अब्दुल्लागंज, रिसौली ,सतेती से श्रद्धालु कथा का रसपान किया।