बिल्सी। नगर के कछला रोड स्थित जेपी जैन स्कूल में सिद्धपीठ श्रीबालाजी धाम के तत्वावधान में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के चौथे दिन आज बुधवार को प्रवचन के माध्यम से पुष्कर पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रामचंद्राचार्य जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की अद्भुत पूतना के उदधार की लीला का वर्णन विस्तार से किया। उन्होने कहा कि जब पूतना भगवान को कपट पूर्ण ढंग से मारने के लिए आई तो उसकी माया का प्रभाव यशोदा और रोहिणी पर तो पड़ा किंतु भगवान कृष्ण पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। जिन सहनशील भगवान ने भृगु के चरण प्रहार को अपने वक्ष स्थल पर धारण कर लिया। उनको आज पूतना उदधार करने के लिए क्रोध धारण करना पड़ा। भगवान का दिव्य और श्यामल सलोना रूप देखकर भी अपनी दुष्टता को नहीं छोड़ पाई क्योंकि उल्लू को सूर्य के प्रकाश में भी अंधकार ही दिखाई देता है इसलिए इस पर भगवान के दर्शन और स्पर्श का प्रभाव नहीं पड़ा। जो पूतना भगवान को कपट पूर्ण ढंग से मारने आई। उसे भगवान ने दुर्लभ गति प्रदान की। श्रीकृष्ण भगवान जैसा कौन शरण्य (दयालु) हो। हमें उनकी शरणागति करनी चाहिए। इस मौके पर महंत मटरुमल शर्मा महाराजप्रदीप शर्मा, संजीव शर्मा, दीपक बाबा, नरेंद्र गरल, आशीष वशिष्ठ, रंजन माहेश्वरी, जितेंद्र कुमार, राजेश माहेश्वरी, संदीप मिश्रा, श्रीकांत मिश्रा, मोहित देवल, आरके लक्ष्य, अनन्त माहेश्वरी, देव वार्ष्णेय, मुकेश गुप्ता, प्रवीण वार्ष्णेय, डा.राजा बाबू वार्ष्णेय, अनूप माहेश्वरी, रोहित माहेश्वरी, लालू माहेश्वरी, टिंकू, आकाश, चारू सोमानी, ,गिरीश गिरि, मुनीश गिरी आदि मौजूद रहे।