बिल्सी। बिसौली रोड स्थित मिथलेश कुमारी मॉड़ल स्कूल में बीती रविवार की शाम एक विराट कवि सम्मेलन नरेंद्र गरल महोत्सव आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि अंकित चौहान एवं अध्यक्षता सोमेन्द्र सोम न दी। वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र गरल द्वारा रचित हनुमत विनय पुस्तक का भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सरस्वती वंदना अचिन मासूम ने पढ़ी।
उसके बाद नरेंद्र गरल ने कहा-
अब किस पर तू अवलमबित है
तेरा सपना क्यों लम्बित है
तेरी छवि अनमोल धरोहर
तू कण कण में प्रतिबिंबित है
कार्यक्रम संयोजक विष्णु असावा ने कहा
हनुमत विनय की रचना करी है जिन
ऐसे गुरु देव जी गरल को नमन है
शैलेन्द्र देव ने पढ़ा-
आज तो बात पक्के इरादों की होगी
एक तुम ही नहीं अब हजारों की होगी
मोहित अजमेरा ने पढ़ा-
रक्षा का पवित्र है बंधन सावन का है मूल
बहन हमारी जान से प्यारी कैसे जाये भूल
प्रेम दक्ष ने कहा-
तेरी यादें दिल से जुदा अब कैसे करूं
जब तेरी सूरत ही सुहानी लगे
सुवीन माहेश्वरी ने कहा-
भक्ति भावना से ओत-प्रोत है रचित यह
अनुपम अनूठा दिव्य ग्रंथ यह महान है
आकाश पाठक परौली ने कहा-
जिनका व्यवहार है एकदम सरल
हा ऐसे ही है वरिष्ठ कवि नरेंद्र गरल
जगदीश चन्द्र ने कहा-
चुनावी जोर शोर शुरू हो गया है गांव में
मंच से बोल रहे हैं ऊंचे-ऊंचे बोल विकास होगा अब चारों ओर गांव में
आशीष वशिष्ठ ने कहा-
भक्ति भाव से प्रकट हुए भावों के दिव्य कमल को
है प्रणाम मेरे शत् शत् इस कृति के साथ गरल को
कार्यक्रम का संचालन बदायूं से ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने किया। कार्यक्रम में रहे विशिष्ट अतिथि हरिप्रताप सिंह राठौड, हरद्वारी लाल, प्रदीप दुबे, मनमोहन मक्कार, सोमेन्द्र सोम, पवन शंखधार, अचिन मासूम, जोगनद्र जुगनू, हरगोविंद पाठक, अमनदीप उपाध्याय, अतुल शंखधार, आशीष वशिष्ठ, हर्षवर्धन मिश्रा, प्रबंधक रवि कुमार, मुकेश कुमार, सुशांत असावा, मनोज माहेश्वरी, विष्णु राठौर, राजीव, अमित पाठक, मुकेश, रामवीर सिंह, नवल, अनीस, सनी, सुभाष आदि उपस्थित रहे।