बरेली एसआरएमएस रिद्धिमा में रूहदारियां यानि आत्मा का दरिया कर्यक्रम ने धूम मचाई
बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा में रूहदारियां यानि आत्मा का दरिया का आयोजन हुआ। भाव और राग को समेटे सुरों के इस कार्यक्रम में गायन गुरुओं और विद्यार्थियों के साथ कथक और भरतनाट्यम के विद्यार्थियों ने भी जुगलबंदी की।

गायन के श्रोताओं और नाट्यकला के पारखी कलाप्रेमी दर्शकों ने कार्यक्रम का आनंद लिया और प्रदर्शन की तारीफ की। कार्यक्रम का आरंभ इंस्ट्रूमेंटल गुरु पवन भारद्वाज ने किया और हारमोनियम के माध्यम से गीत ‘अपनी तस्वीर को आंखों से लगाता क्या है’ को अपनी आवाज दी। गायन की विद्यार्थी वंदना दुग्गल खन्ना और शालिनी पांडेय ने ‘कहां हो तुम चले आओ’ गीत को अपने स्वर देकर श्रोताओं को प्रेम और रंगों से मधुर संसार में पहुंचाया।

गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने अपने शिष्य अर्णव कन्नोजिया के साथ ‘तोसे नैना लागे पिया सांवरे’ को स्वर दिए। इस गीत पर कथक की विद्यार्थी क्षमा अग्रवाल ने नृत्य की बैठकी भाव को प्रस्तुत किया। अगली प्रस्तुति में गायन गुरु सात्विक मिश्रा मंच पर पहुंचे और उन्होंने गीत ‘मैं ने जाना खेड़िया दे नाल’ में हीर रांझा की कहानी को अपनी आवाज में प्रस्तुत किया। गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने गीत ‘आज इबादत रूबरू हो गई’ से ईश्वर की वंदना को सुर दिए। भरतनाट्यम गुरु तनया भट्टाचार्य ने अपने नृत्य से इबादत को भावपूर्ण प्रस्तुति दे दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। अतिथि गायन इंदू परडल ने गजल ‘सादगी तो हमारी जरा देखिए, आपके वादे पे एतबार कर लिया’ को अपने स्वरों में पेश कर महफिल में रूमानियत का रंग घोला। गायन गुरु प्रियंका ग्वाल व सात्विक मिश्रा ने इंस्ट्रूमेंटल गुरु सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), सुरेंद्र सिंह (सुरेंद्र सिंह), अनुग्रह सिंह (की-बोर्ड/ ड्रम), विशेष सिंह (गिटार), ऋषभ आशीष पाठक (पखावज), दीपकांत जौहरी (तबला) और पवन भारद्वाज (हारमोनियम), के साथ गीत ‘कहना गलत गलत तो छुपाना सही सही’ पर बेहतरीन जुगलबंदी पेश की। गायन गुरु प्रियंका ग्वाल व सात्विक मिश्रा ने इंस्ट्रूमेंटल गुरु पवन भारद्वाज (हारमोनियम) की संगत में पंजाबी लोकगीत ‘सुन चरखे दी मिठी-मिठी कूक भइया मैंनू याद आवे दा’ को भी अपने मधुर स्वरों में प्रस्तुत कर श्रोताओं को तालियां हासिल कीं। रूहदारियां की अंतिम प्रस्तुति के रूप में मंच पर गायन गुरु सात्विक मिश्रा और इंस्ट्रूमेंटल गुरु विशेष सिंह (गिटार) मंच पर पहुंचे और पंजाबी लोकगीत ‘दम नाल दम भरांगी राज ना दे’ को श्रोताओं के सामने प्रस्तुत किया। इस गीत को कथक के विद्यार्थी क्षमा अग्रवाल, नित्या जैन और आराध्या जोशी ने अपने भावपूर्ण नृत्य से दर्शनीय बनाया और सभी की वाहवाही हासिल की। कार्यक्रम का संचालन डा.अनुज कुमार ने किया। इस अवसर पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, देविशा मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.एमएस बुटोला, डा.पीके परडल, डा. आलोक खरे, डा.आशीष कुमार, डा.रीता शर्मा सहित शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
