तानसेन से ए आर रहमान तक भारतीय संगीत के विकास, प्रयोग और वैश्विक पहचान की यात्रा

शाहजहांपुर। एस एस कालेज के संगीत विभाग की ओर से भारतीय संगीत की यात्रा: तानसेन से ए. आर. रहमान तक विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।


प्रतियोगिता का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन व पुष्पांजलि से हुआ। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने तानसेन से लेकर ए आर रहमान तक की संगीत यात्रा को विभिन्न कालों में संगीत की दशा और दिशा पर विस्तार से विचार व्यक्त किए। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करने वाली छात्रा संध्या सिंह ने कहा कि भारतीय संगीत एक सतत प्रवाह है, जो समय के साथ रूप बदलता रहा है, परंतु अपनी आत्मा और परंपरा को सहेज कर आगे बढ़ता गया है। तानसेन से ए. आर. रहमान तक की यह यात्रा भारतीय संगीत के विकास, प्रयोग और वैश्विक पहचान को दर्शाती है।
दूसरा स्थान हासिल करने वाले छात्र संजीत कुमार ने कहा कि मध्यकालीन भारत में संगीत को दरबारी संरक्षण प्राप्त था। इस काल के महान संगीतज्ञ तानसेन को उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत का स्तंभ माना जाता है। वे अकबर के नवरत्नों में से एक थे।स्वतंत्रता के बाद भारतीय संगीत में फिल्म संगीत के युग का आगमन हुआ नौशाद, एस. डी. बर्मन, मदन मोहन और शंकर-जयकिशन जैसे संगीतकारों ने शास्त्रीय रागों को लोकप्रिय गीतों में ढालकर आम जनता तक पहुँचाया।
तीसरा स्थान हासिल करने वाली छात्रा खुशी गुप्ता ने कहा कि तानसेन ने रागों को व्यवस्थित रूप दिया और ध्रुपद गायन शैली को प्रतिष्ठा प्रदान की। ‘राग दीपक’ और ‘राग मेघ’ से जुड़ी कथाएं भारतीय संगीत की आध्यात्मिक शक्ति और लोकविश्वास को दर्शाती हैं। उनके द्वारा स्थापित परंपरा आज भी गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से जीवित है। जहां तक ए. आर. रहमान का सवाल है तो वे भारतीय संगीत यात्रा के आधुनिक प्रतीक हैं। उन्होंने भारतीय रागों, सूफी परंपरा और लोकधुनों को इलेक्ट्रॉनिक संगीत और वैश्विक साउंड के साथ जोड़ने का काम किया।
प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका वरिष्ठ पत्रकार सुयश सिन्हा, एस एस कालेज की राजनीति विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर व्याख्या सक्सेना, जवाहर नवोदय विद्यालय कासगंज की संगीत शिक्षिका सुकन्या तिवारी ने निभाई।विषय स्थापना और संचालन संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष डा. कविता भटनागर ने किया। धर्मवीर सिंह के नेतृत्व में छात्राओं ने सरस्वती वंदना और राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।
प्रतियोगिता में अमन कुमार,नीलम,राधा,रुम सिंह, सौम्या दीक्षित, दिव्या सिंह आदि छात्र छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किये।

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