ककोड़ा मेला में कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान और पूजा-अर्चना से रात्रि तक चला धार्मिक उल्लास

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बदायूं।सुप्रसिद्ध मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था, श्रद्धा और भक्ति का महासागर उमड़ पड़ा। ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं का सैलाब पतित पावनी मां गंगा के तट पर पहुंचने लगा। हर-हर महादेव के जयघोषों से पूरा ककोड़ा धाम गूंज उठा। चारों दिशाओं में घंटियों की ध्वनि, भजन-कीर्तन और आरती की गूंज से वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक हो उठा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में पवित्र स्नान कर अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते दिखाई दिए। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मां गंगा की पूजा-अर्चना, दीपदान और भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण हेतु यज्ञ, कथा और भजन संकीर्तन का आयोजन हुआ। अनेक श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर मां गंगा की पहनान की। कन्याभोज और दान-दक्षिणा का भी विशेष आयोजन कन्याओं को पूरी-सब्जी, दही-जलेबी का भोजन कराकर दक्षिणा दी गई। मनोना धाम के महंत ओमेंद्र महाराज ने मां गंगा की आरती की गंगा तट पर भक्तों ने बताशे, इलायची दाना और बूंदी लड्डू का प्रसाद अर्पित किया। इस दौरान स्काउट दलों और पुलिस प्रशासन ने वॉच टावरों से सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से निगरानी की। –रेत पर बसा तंबुओं का शहर – जीवंत हुई सनातन परंपरारेत की सुनहरी चादर पर बसा तंबुओं का विशाल शहर सनातन परंपरा की झलक से जीवंत हो उठा। श्रद्धालुओं ने अपने मान पक्ष का तिलक लगाकर स्वागत-सत्कार किया और उन्हें भोजन कराकर ससम्मान विदाई दी। मीना बाजार में उमड़ी रौनक, झूले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाया आकर्षण गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु मीना बाजार में जमकर खरीदारी करते दिखे। ग्रामीणों ने घरेलू उपयोग की वस्तुएं खरीदीं। महिलाओं ने जमकर खरीदारी की। झूले, जादू के खेल, कठपुतली नृत्य और सांस्कृतिक मंचों पर प्रस्तुत श्रीकृष्ण लीला, श्रीराम कथा और लोकगीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। -मेले में विशाल भंडारे हुए साधु-संतों के पंडालों और झूले के पास लगातार हजारों श्रद्धालुओं ने बैठकर भोजन ग्रहण किया और भंडारे के आयोजकों को आशीर्वाद दिया। स्नान के बाद लगा लंबा जाम, प्रशासन ने किया कुशल प्रबंधन गंगा स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं के एक साथ लौटने से सुतिया पुल से लेकर गंगापुर पुख्ता तक यातायात जाम की स्थिति बन गई। ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, कारें और टेंपो घंटों फंसे रहे, लेकिन पुलिस बल और प्रशासनिक टीम ने अथक प्रयासों से यातायात को शीघ्र सुचारू किया। आस्था, परंपरा और समरसता का अद्भुत संगममिनी कुंभ मेला ककोड़ा में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व आस्था, सनातन संस्कृति और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर उभरा। लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा के चरणों में नमन कर मोक्ष, शांति और समृद्धि की कामना की। पूरा क्षेत्र भक्तिरस में सराबोर रहा — मानो गंगा की पावन धारा में स्वयं धर्म, भक्ति और परंपरा प्रवाहित हो रही हो। मेला ककोडा में पतंजलि योग समिति के सदस्यों द्वारा आसन प्राणायाम का मेलार्थियों को अभ्यास कराया । इस अवसर पर भीमसेन सागर आवेश पाल सिंह महेंद्र पाल सिंह संजीव चौहान सुरेंद्र पाल सिंह रोहिताश सिंह लवली चौहान और अनीता सिंह सिम्मी सिंह आदि लोग उपस्थित रहे गिरधारी सिंह राठौर ने सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया

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