रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत कार्यशाला का आयोजनविभिन्न रागों का प्रस्तुतीकरण, विशेषज्ञों ने साझा किए संगीत के विविध आयाम
बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा मंगलवार, को कुलपति प्रो. के.पी. सिंह के संरक्षण में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में भारतीय संगीत के विविध स्वरूपों पर चर्चा की गई तथा विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न रागों का प्रस्तुतीकरण कर विद्यार्थियों को अवगत कराया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण और सरस्वती वंदना के साथ हुई। सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. ज्योति पाण्डेय ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संगीत विशेषज्ञ प्रो. अलंकार सिंह, विभागाध्यक्ष, संगीत विभाग, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की परंपरा, इतिहास तथा स्वरूपों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने भैरव, यमन, बिलावल, भैरवी सहित अनेक रागों की संरचना, आरोह-अवरोह तथा स्वर व्यवस्था समझाते हुए पीलू और बिलावल रागों का विशेष उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति के अंतर को भी स्पष्ट किया। प्रो. सिंह ने अपने विशेष अंदाज में राग आधारित मां सरस्वती की स्तुति तथा ग़ज़ल शैली में प्रस्तुति दी। साथ ही रुहेलखंड क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हुए लोकगीत भी प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की परंपरा लगभग 4000 वर्ष पुरानी है तथा गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से संगीत का ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ा है। तानसेन, अमीर खुसरो और स्वामी हरिदास जैसे महान संगीतकारों के योगदान का उन्होंने उल्लेख किया। कार्यशाला गुरु नानक जयंती के अवसर पर आयोजित की गई। इस अवसर पर उन्होंने मानवता, एकता और सेवा की भावना को जीवन में अपनाने का संदेश दिया। डॉ. ज्योति पांडेय ने बताया कि यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के संगीत क्लब के साथ-साथ रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के संगीत विभाग के विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सौरभ वर्मा द्वारा किया गया तथा मंच संचालन मेधावी वर्मा ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में कुलसचिव हरीश चंद, डॉ. ज्योति पांडेय, डॉ. इंद्रप्रीत कौर, डॉ. हरीश भट्ट, डॉ. रीना पंत, डॉ. सौरव वर्मा, डॉ. अतुल कटियार, डॉ. संध्या रानी, डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. अंकिता, डॉ. जयश्री मिश्रा, डॉ. अनुपमा महरोत्रा, डॉ. रेणु उपाध्याय, डॉ. अमित कुमार सिंह, श्री तपन वर्मा आदि का सहयोग रहा। कार्यशाला में बरेली कॉलेज, अवंती बाई महिला महाविद्यालय, साहू राम स्वारूप महिला महाविद्यालय, आर्य कन्या महाविद्यालय, रज़ा कॉलेज, रामपुर, शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत सहित विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राओं तथा विश्वविद्यालय संगीत क्लब से पंखुड़ी कंचन, पीयूष पाल, महक, समर्थ, दीक्षा, रुचिका, आभा श्री, स्नेहा, नेहा, प्रिंस, तनुजा, अश्वनी, अंजलि, विपिन, मुकुल, रश्मि, निष्ठा सहित 120 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।




















































































