पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर एसएसपी ने कर्तव्य पथ पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद जवानों को याद कर भावभीनी श्रृद्धांजली दी

बदायूं। पुलिसस्मृतिदिवस के अवसर पर एसएसपी डॉ0 बृजेश कुमार सिंह ने पुलिस परेड ग्राउण्ड बने शहीद स्मारक स्थल पर देश की रक्षा करते हुए कर्तव्य पथ पर अपने जीवन को बलिदान कर देने वाले पुलिसकर्मियो के सम्मान में सलामी प्रस्तुत करते हुए पुष्पचक्र अर्पित कर ससम्मान श्रृध्दांजलि दी, जिसके उपरान्त दो मिनट का मौन धारण कर शहीदों के वलिदान को याद किया गया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन मे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद बदायूँ द्वारा कहा कि 21 अक्टूबर का दिन हमे उन वीर सपूतों के सर्वोच्च बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होने देश की सेवा मे अपना सर्वस्य न्यौछावर कर दिया। उनका अदम्य साहस और अतुल्यनीय त्याग हन सभी पुलिस कर्मियों के लिये प्रेणाश्रोत है। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ ह्यदेश कठेरिया, अपर पुलिस अधीक्षक नगर विजयेन्द्र द्ववेदी, क्षेत्राधिकारी लाइन/उझानी डॉ0 देवेन्द्र कुमार, क्षेत्राधिकारी नगर रजनीश कुमार उपाध्याय, क्षेत्राधिकारी यातायात अशोक कुमार, क्षेत्राधिकारी सहसवान कर्मवीर सिंह, क्षेत्राधिकारी बिल्सी संजीव कुमार, क्षेत्राधिकारी दातागंज के0के0 तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षु गौरव उपाध्याय व प्रतिसार निरीक्षक इन्द्रजीत सिंह पुलिस लाइन एवं समस्त शाखा प्रभारी व थाना प्रभारी सहित अधिनस्थों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रृध्दांजलि दी।पुलिस स्मृति दिवसः- 21 अक्टूबर 1959 का दिन था, लद्दाख के हॉट-स्प्रिंग के पास CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की पेट्रोलिंग पार्टी के तीन ऑफिसर्स को भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीनी सैनिकों ने अपनी हिरासत में ले लिया, अगले दिन जब उनकी तलाश में सीआरपीएफ की टीमें गई तो उन पर पहले से घात लगाकर बैठे चीनी सैनिकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। सीआरपीएफ के जवानों ने भी उस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया लेकिन उस अचानक हुए हमले में सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए तथा अन्य जवान घायल हो गए, उसी दिन से उन वीर सीआरपीएफ जवानों की शहादत को याद करते हुए प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारतवर्ष में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है । आज हम उन सभी वीरों के बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की क़ुर्बानी दी थी। उन सभी साहसी और पराक्रमी वीरों को शत् शत् नमन।