बरेली। फरीदपुर क्षेत्र में मोहर्रम के मौके पर जिले भर में शांति व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने ताजियेदारों के सत्यापन का जिम्मा उपनिरीक्षकों को सौंपा था। लेकिन थाना फरीदपुर क्षेत्र के ग्राम गौसगंज में यह कवायद मज़ाक बनकर रह गई। यहां ताजिये की वास्तविक ऊंचाई 25 फीट थी, जबकि सत्यापन रिपोर्ट में इसे सिर्फ 10 फीट दिखाया गया। इसी झूठी रिपोर्टिंग का खामियाजा तब भुगतना पड़ा, जब ताजिया जुलूस के दौरान 25 फीट ऊंचा ताजिया हाई टेंशन तार से टकरा गया और देखते ही देखते आग की लपटों में घिर गया। मौके पर अफरातफरी मच गई। भीड़ में भगदड़ की स्थिति बनते-बनते बची। आग से ताजिया की झोपड़ी भी चपेट में आ गई, जिसे तुरंत हटाकर किसी तरह स्थिति संभाली गई। इसके बाद ताजिया को गौसगंज सराय से हाईवे के रास्ते कर्बला तक ले जाकर दफन किया गया, लेकिन इस घटना ने समुदाय में तनाव का माहौल खड़ा कर दिया। जांच में स्पष्ट हुआ कि उपनिरीक्षक अशोक कुमार ने सत्यापन प्रपत्र में ताजिया की ऊंचाई जानबूझकर कम दर्शाई थी। इस घोर लापरवाही के चलते न सुरक्षा के उचित इंतजाम हो सके और न ही बिजली के तारों से बचाव की कोई योजना नहीं बनाई जा सकी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली अनुराग आर्य ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपनिरीक्षक अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मोहर्रम जैसे संवेदनशील अवसर पर ऐसी चूक बड़े हादसे को जन्म दे सकती थी। प्रशासन की इस लापरवाही ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटना रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।