बरेली में जींस-टीशर्ट में सड़क पर 9 लड़कियों को भीख मांगते पुलिस ने पकड़ा

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में 9 लड़कियों को सड़क पर भीख मांगते हुए गिरफ़्तार किया गया है. इनके ख़िलाफ़ शांति भंग का मामला दर्ज कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. नितिन कुमार क्षेत्राधिकारी आंवला, ने बताया कि जिले के थाना आंवला क्षेत्रान्तर्गत आंवला बदांयू मार्ग पर युवतियों द्वारा आपदा राहत के लिये आर्थिक मदद मांगे जाने की सूचना मिली थी। उनके बयान से कुछ मामला संदिग्ध प्रतीत हूआ। उनके ख़िलाफ़ शांति भंग का मामला दर्ज किया गया है। बल्लियां गांव में सड़क किनारे जींस और टीशर्ट पहने चार लड़कियां भीख मांगती मिली थीं. ये लड़कियां गुजरात से आई हुई थीं और बल्लिया रेलवे स्टेशन के पास धर्मशाला में रह रही थीं. ठीक ऐसा ही मामला अब बरेली से आया है. बरेली के आंवला-बदायूं रोड पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब लोगों ने देखा कि नौ युवतियां जींस-टॉप पहनकर सड़क पर घूम रही हैं और राह चलते लोगों को रोककर उनसे मदद की गुहार लगा रही हैं. युवतियां कह रही थीं कि वे बहुत परेशान हैं. घर की हालत खराब है और उन्हें थोड़ी-सी आर्थिक मदद चाहिए. कई लोगों ने इनकी बातों में आकर 100-200 रुपये भी दे दिए. लेकिन कुछ लोगों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी. सूचना मिलते ही आंवला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सभी युवतियों को पकड़कर थाने ले आई. पूछताछ में पता चला कि ये सभी युवतियां गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली हैं. बरेली कैसे पहुंचीं, इसका कोई ठोस जवाब नहीं दे सकीं। पुलिस ने बताया कि ये युवतियां सड़क पर खड़े होकर राहगीरों को इमोशनल बातें बताकर पैसे मांग रही थीं, जो शांति व्यवस्था में बाधा डालने जैसा है. पुलिस की पूछताछ में युवतियों ने अपने नाम बताए हैं, जिनमें उर्मी (28), नीतू (25), कुसुम (25), अंजलि (21), सुनीता (26), रीना (20), मनीषा (20), पूनम (25) और टीना (26) शामिल हैं. सभी के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो-दो लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं लग रहा. संभावना है कि ये कोई बड़ा गिरोह हो सकता है, जो अलग-अलग इलाकों में इसी तरह की हरकते करता है. कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अगर कोई उन्हें पैसे न दे, तो ये लड़कियां झूठे आरोप भी लगा सकती हैं. पुलिस भी इस बात की जांच कर रही है कि क्या इनके साथ और लोग भी इलाके में सक्रिय हैं। आंवला कोतवाल कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि युवतियों को थाने लाकर पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि वे आर्थिक तंगी की वजह से ऐसा कर रही थीं. लेकिन इस तरह सड़क पर लोगों से पैसे मांगना, वह भी दूसरे राज्य से आकर, कानूनन गलत है. इसलिए शांतिभंग में चालान किया गया और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले के बाद पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई इस तरह से सड़क पर मदद मांगता नजर आए, तो बिना पुष्टि के पैसे न दें। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, क्योंकि कई बार ऐसे मामलों के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क भी हो सकता है, जो शहर में कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है. फिलहाल सभी युवतियां जमानत पर बाहर हैं, लेकिन पुलिस इनके पुराने रिकॉर्ड और बाकी साथियों की तलाश में जुट गई है।