बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली मंडल में अफीम की खेती करने वाले हजारों किसानों के लिए सत्र 2024–25 की शुरुआत एक बड़े झटके के साथ हुई है। कुल 3232 किसानों में से 2962 किसानों के अफीम लाइसेंस बिना ठोस कारण के निरस्त कर दिए गए हैं, जिसके विरोध में किसान एकता संघ ने कड़ा रुख अपनाया है। संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. रवि नागर के नेतृत्व में किसानों ने बुधवार को वित्त मंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्ट्रेट में सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि जिन किसानों के लाइसेंस होल्ड किए गए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से रेगुलर किया जाए, क्योंकि यह निर्णय गलत रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। डॉ. नागर ने बताया कि सत्र 2023–24 में जिन 3232 किसानों को अफीम की खेती के लिए लाइसेंस जारी किए गए थे, उनमें से 2962 किसानों के लाइसेंस 2024–25 में अफीम अधिकारी बरेली की अनुचित रिपोर्ट के चलते होल्ड कर दिए गए। उन्होंने यह भी बताया कि यह मुद्दा पहले भी 7 जनवरी 2024 को जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर उठाया गया था, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं की गई। किसानों का दावा है कि फरवरी 2024 में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से अफीम की फसल को भारी नुकसान हुआ था, जिसकी सूचना अफीम अधिकारी को समय पर दे दी गई थी। अधिकारी ने किसानों को आश्वासन दिया था कि जितनी भी अफीम पैदा हुई है, वही दी जाए और प्राकृतिक आपदा को देखते हुए छूट प्रदान की जाएगी। किसान एकता संघ का आरोप है कि ग्रामीण स्तर पर अफीम चौकीदारों द्वारा भ्रष्टाचार भी इस निर्णय के पीछे एक बड़ा कारण है। डॉ. नागर ने कहा कि, “जिन किसानों ने सुविधा शुल्क देने से इनकार किया, उनके ही लाइसेंस होल्ड किए गए। यह किसानों के शोषण और सरकारी भ्रष्टाचार का सीधा प्रमाण है, जिसे किसान एकता संघ किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगा।” ज्ञापन में यह भी बताया गया कि कई किसानों ने 5 साल की लाइसेंस फीस पहले ही जमा कर दी है, इसके बावजूद उनका लाइसेंस होल्ड किया गया है। ऐसे सभी मामलों में तत्काल निरस्त लाइसेंसों को नियमित करने की मांग की गई है।