ककराला। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ककराला के आजादी के दीवानों की शहादत की यादगार में प्रथम ककराला शहीद मेला का उदघाटन मुख्य अतिथि अशफाकुल्लाह खां ने किया जो कि शाहजहांपुर के अशफाकुल्लाह खां के पौत्र हैं जिन्हें फिरंगी सरकार द्वारा 19 दिसम्बर 1927 को फांसी लगा दी गयी थी। 30 अप्रैल 1858 को ककराला के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा अंग्रेज सेना के जरनल निकोलस पैनी को मोत के घाट उतार दिया था। जिससे अंग्रेजों ने ककराला वासियों पर पर बहुत जुल्म ढाए थे और बहुत से क्रान्ति कारियों को गोलियों से उड़ा दिया था ।ककराला के उन्हीं स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए क्रान्तिकारीयों की याद में शहीद मेला का आयोजन किया गया है। जो कि 10 मई तक रहेगा। इस अवसर पर नगर के सभी संभ्रांत व्यक्ति मौजूद रहे।