बरेली में भाजपा का 45वा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया,विभिन्न कार्यक्रम हुए
बरेली : 1980 को स्थापित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आज अपने 45वें स्थापना दिवस के अवसर पर गर्व के साथ अपनी उपलब्धियों और संगठनात्मक शक्ति का जश्न मना रही है। 1951 में भारतीय जनसंघ के गठन से शुरू हुई यह यात्रा आज विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में परिणत हुई है। संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के साथ-साथ प्राथमिक सदस्यता के मामले में भाजपा ने अभूतपूर्व ऊंचाइयां हासिल की हैं। अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ गहरे वैचारिक संबंधों के साथ भाजपा ने भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय लिखा है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने संगठन की मजबूती और कार्यकर्ताओं के योगदान को रेखांकित करते हुए पार्टी की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला।
जनसंघ से भाजपा तक का सफर
भाजपा की नींव स्वतंत्रता सेनानी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ के गठन के साथ रखी थी। जनसंघ की तरह भाजपा का आरंभ भी चुनौतियों से भरा रहा। 1980 में जनता पार्टी से अलग होकर भाजपा का गठन हुआ, जिसके पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने। शुरुआती दौर में पार्टी को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 1984 के आम चुनावों में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजे माहौल में भाजपा को मात्र दो सीटें मिलीं। लेकिन 45 वर्षों के इस सफर में आज भाजपा न केवल केंद्र में तीसरी बार सत्ता में है, बल्कि 19 राज्यों में सहयोगियों के साथ या स्वतंत्र रूप से सरकार चला रही है।
उत्तर प्रदेश में संगठन का विस्तार
उत्तर प्रदेश में भाजपा की स्थापना के साथ ही संगठन को मजबूत करने की शुरुआत हुई। 1980 में माधव प्रसाद त्रिपाठी को पहला प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, जिन्होंने 1984 तक यह जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद कल्याण सिंह (1984-1990), राजेंद्र गुप्ता, कलराज मिश्र, राजनाथ सिंह, ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार, केशरीनाथ त्रिपाठी, रमापतिराम त्रिपाठी, सूर्यप्रताप शाही, लक्ष्मीकांत बाजपेयी, केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और स्वतंत्रदेव सिंह जैसे नेताओं ने संगठन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। वर्तमान में भूपेंद्र सिंह चौधरी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी की सेवा कर रहे हैं। उनका कहना है, “भाजपा की खासियत यह है कि सामान्य पृष्ठभूमि से आए कार्यकर्ता भी संगठन में सबसे बड़े पद तक पहुंच सकते हैं। यह प्रेरणा हर कार्यकर्ता को आगे बढ़ने की शक्ति देती है।”
मजबूत प्रकोष्ठ और युवा शक्ति
भाजपा ने समाज के हर वर्ग को जोड़ने के लिए अपने प्रकोष्ठों का व्यापक विस्तार किया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो), महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा और अनुसूचित मोर्चा आज प्रदेश के 1018 मंडलों में सक्रिय हैं। इन प्रकोष्ठों की मजबूत टीमें शक्तिकेंद्रों और बूथ स्तर तक संगठन को मजबूती प्रदान कर रही हैं। प्रदेश को संगठनात्मक दृष्टि से 98 जिलों में बांटा गया है, जिनमें से 70 जिलाध्यक्षों का चुनाव संगठन पर्व के तहत संपन्न हो चुका है। हर तीन साल में होने वाले संगठनात्मक चुनाव बूथ, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर कार्यकर्ताओं को लोकतांत्रिक तरीके से अपना नेता चुनने का अवसर देते हैं, जो भाजपा को अन्य दलों से अलग करता है।
कार्यकर्ताओं का समर्पण और प्रशिक्षण
भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्पण और प्रशिक्षण पर विशेष जोर देती है। पिछले साल सितंबर में शुरू हुए सदस्यता अभियान में उत्तर प्रदेश में तीन करोड़ प्राथमिक सदस्य और ढाई लाख सक्रिय सदस्य बने। पार्टी समय-समय पर प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करती है, ताकि पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि जनता के बीच प्रभावी ढंग से काम कर सकें। भूपेंद्र सिंह चौधरी बताते हैं, “1989 में जब हमारे पास केवल 16 विधायक थे, तब भी हम कार्यकर्ताओं के प्रति सजग थे। आज सरकार में होने के बावजूद संगठन को लगातार मजबूत किया जा रहा है।”
हर जिले में कार्यालय, हर गांव तक पहुंच
2014 के बाद उत्तर प्रदेश में हर जिले में भाजपा कार्यालय बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। आज प्रदेश में 87 जिला कार्यालय और पांच क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसके अलावा, 1,62,459 बूथों पर 17 सदस्यों वाली बूथ समितियां, बूथ अध्यक्ष और प्रभारी मौजूद हैं, जो प्रतिदिन के अभियानों को संचालित करते हैं। इससे भाजपा लगभग एक लाख गांवों तक सीधी पहुंच रखती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ हर महीने कम से कम 1,25,000 बूथों पर सुनी जाती है। 27,634 शक्तिकेंद्रों पर नियमित बैठकें आयोजित होती हैं।
विकास योजनाओं से जनता से जुड़ाव
भाजपा सरकार की योजनाओं ने जनता से सीधा संपर्क स्थापित किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 22 लाख से अधिक नए आयुष्मान भारत कार्ड, 1.61 लाख उज्ज्वला कनेक्शन और 2.72 लाख जीवन ज्योति बीमा योजनाएं लागू की गई हैं। नगरीय क्षेत्रों में 3.85 लाख उज्ज्वला कनेक्शन, 3.87 लाख आयुष्मान भारत कार्ड और 3.58 लाख पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी शामिल हैं। माघ माह में आयोजित महाकुंभ 2025 में भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्रद्धालुओं की सेवा कर यह संदेश दिया कि पार्टी केवल राजनीति नहीं, बल्कि समाज सेवा के प्रति भी समर्पित है।
चुनावी प्रदर्शन और उपलब्धियां
1989 के लोकसभा चुनावों से भाजपा ने राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत दस्तक दी। 1991 में उत्तर प्रदेश से 51 सीटें जीतीं। 1998 में 57 और 1999 में 29 सीटों के साथ पार्टी का प्रभाव बढ़ा। हालांकि, 2004 में ‘शाइनिंग इंडिया’ अभियान के बावजूद प्रदर्शन कमजोर रहा और केवल 10 सीटें मिलीं। लेकिन 2014 और 2019 में भाजपा ने शानदार वापसी की। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नई मिसाल कायम हुई। प्रदेश में 2.36 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से शुद्ध पानी, 5.07 लाख किलोमीटर पाइपलाइन और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति इसकी बड़ी उपलब्धियां हैं।
45 वर्षों में भाजपा ने संगठनात्मक मजबूती, कार्यकर्ताओं के समर्पण और जनकेंद्रित नीतियों के दम पर अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर और महाकुंभ 2025 जैसे आयोजनों ने पार्टी की सांस्कृतिक और विकासोन्मुखी सोच को मजबूत किया। आज भाजपा न केवल एक राजनीतिक दल, बल्कि एक जनआंदोलन बन चुकी है, जो हर गांव, हर बूथ तक अपनी पहुंच और प्रभाव बनाए रखती है।




















































































