मदर एथीना स्कूल में ‘विश्व महासागर दिवस’ के अवसर पर विद्यार्थियों के लिए लाइव सत्र का आयोजन
बदायूं।मदर एथीना स्कूल में ‘विश्व महासागर दिवस’ के अवसर पर विद्यार्थियों को उनके जीवन में अथवा संसार में महासागरों के अस्तित्व तथा उनके महत्व के विषय में बताने हेतु विज्ञान विषय की प्रशिक्षिका कु0 शाफिया खान के निर्देशन में एक वेबिनार का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि संपूर्ण पृथ्वी के 75 प्रतिशत भाग पर केवल पानी है जो कि महासागरों के रूप में व्याप्त है एवं केवल पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर पानी के कारण ही जीवन है। इन महासागरों में बहुत बड़ी संख्या में जलीय जीव भी पाये जाते हैं परंतु जब से मनुष्य ने प्रकृति में हस्तक्षेप करना प्रारम्भ किया है तब से स्वच्छ जल प्रदूषित हो रहा है और जलीय जीवन भी संकट में आ गया है। उन्होंने बताया कि हम लोग अपने घरों से जो कूड़ा-कचरा नालियों में फेंकते हैं वह बडे़-बड़े नालों से होकर नदियों में और उन नदियों से होता हुआ समुद्रों में जाकर मिल जाता है जिसमें सबसे हानिकारक प्लास्टिक है जो कि लगभग 500 वर्षों तक खत्म नहीं होती। इसके साथ ही आज कोविड-19 के दौरान प्रयोग की जाने वाली पी0पी0ई0 किट एवं अन्य चीज़ें भी लोग इस्तेमाल करके इधर-उधर फेंक देते हैं जो कि वातावरण एवं जल को प्रदूषित कर जीवन के लिए और अधिक घातक परिस्थितियाँ उत्पन्न करती है। इसके अलावा सागरों में चलने वाले जहाजों से निकलने वाला तेल पानी की ऊपरी सतह पर तैरता है जिससे आग लगने के कारण जलीय जीवन को नुकसान एवं ऑक्सीजन न मिल पाने का खतरा बना रहता है। इन सबसे बचने के लिए उन्होंने खेतों में रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद के प्रयोग को अनिवार्य बताया साथ ही कचरे के निस्तारण की उचित व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया इसके लिए उन्होंने मुंबई के वर्सोवा बीच से कचरा हटाकर उसे बिल्कुल स्वच्छ कर देने वाले विश्व प्रसिद्ध ‘आफरोज़ शाह’ के विषय में भी बताया जिन्होंने पूरी टीम बनाकर वर्साेवा बीच को साफ किया और यूनेस्को द्वारा ‘चैंपियन ऑफ अर्थ’ के सम्मान से सम्मानित हुए। उन्होंनंे विद्यार्थियों को पहले स्वच्छ जल में जलीय जीवन तथा वर्तमान में प्रदूषित जल में जलीय जीवन से संबंधित वीडियो भी दिखाया साथ ही एक प्रश्नोŸारी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें प्रतिभाग कर विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
विद्यालय की निदेशिका चयनिका सारस्वत ने बताया कि हम देश, समाज, संसार की एक जिम्मेदार संस्था के रूप में विद्यार्थियों को उनके साथ-साथ पूरे विश्व में अपनी भूमिका का निर्वह्न कर प्रकृति का महत्व समझाने हेतु सदैव प्रयासरत रहेंगें। जिससे कि वे एक बेहतर कल का निर्माण कर सकें, जो स्वस्थ एवं सुरक्षित हो।