काकोरी के शहीदों की याद में निकाली “काकोरी शहीद संदेश यात्रा”
बरेली। काकोरी के शहीदों की शहादत दिवस पर काकोरी शहीद संदेश यात्रा का आयोजन काकोरी शहीद यादगार कमेटी द्वारा किया गया। यात्रा सेठ दामोदर स्वरूप पार्क से अय्यूब खां चौराहे तक निकाली गई। यात्रा से पूर्व शहीदों को याद करते हुए एक संक्षिप्त सभा भी की गई। सभा का संचालन करते हुए खेत मज़दूर यूनियन के प्रदेश सचिव राजीव शांत ने कहा कि शहीदों की विरासत को भुलाते हुए आज देश को आपस में बांटा जा रहा है। बीजेपी- आर एस एस के लोग बाबा साहब के साथ ही अन्य शहीदों का भी अपमान कर रहे हैं। क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के फैसल ने कहा कि काकोरी शहीद संदेश यात्रा एक ऐसे दौर में निकल रही है जबकि देश को बांटने वाली शक्तियां चरम पर हैं। शहीदों की विरासत को भुलाते हुए पूरे देश में हिंदू – मुस्लिम के नाम पर दंगे कराये जा रहे हैं। असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ही मंदिर-मस्जिद के झगड़े फैलाए जा रहे हैं। इस सबके खिलाफ हमें काकोरी के शहीदों की साझी शहादत-साझी विरासत को याद करने व लोगों के बीच ले जाने की जरूरत है। मजदूर मंडल के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह राणा ने कहा कि हमें काकोरी के शहीदों को लगातार याद करने की जरूरत है। यह शहीद देश की आजादी के लिए एक साथ लड़े। इस लड़ाई में हिंदू -मुस्लिम -सिख- ईसाई सभीएक साथ थे। लेकिन आज की सरकार जनता को आपस में लड़ाने का काम कर रही है। परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कैलाश ने कहा कि काकोरी के शहीदों ने लूट-शोषण से मुक्त आजाद व खुशहाल भारत का अरमान लिए ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष किया। लेकिन आज हमारी सरकारें साम्राज्यवादियों से नित नए गठजोड़ कर रही हैं। देश के संसाधनों को देशी-विदेशी पूंजीपतियों पर लुटाया जा रहा है। छात्र-नौजवान महंगी शिक्षा व बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हैं। इन हालातों को बदलने के संघर्ष में काकोरी के शहीदों की साझी विरासत हमारी पथ- प्रदर्शक है। इंकलाबी मज़दूर केंद्र के ध्यान चंद्र मौर्या ने कहा कि काकोरी के शहीदों का संघर्ष बराबरी व न्याय पर आधारित समाज बनाने का था। वह उस जमाने में घटित हुई रूसी समाजवादी क्रांति से प्रभावित थे। आगे चलकर भगत सिंह व उनके साथियों ने अपने दल के नाम में समाजवाद शब्द भी जोड़ दिया। आज फासीवादी ताकतें हिन्दू-मुस्लिम के झगड़े कराकर चौतरफा लूट- शोषण जारी रखे हुए हैं। हमें काकोरी के शहीदों को याद करते हुए इनका मुकाबला करने को एकजुट होना होगा। सभा के प्रारंभ में व यात्रा के दौरान प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच के साथियों ने क्रांतिकारी गीत भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, खेत मज़दूर यूनियन, बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन, पी यू सी एल, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, मज़दूर मंडल, आल इंडिया लायर्स यूनियन, ऑटो रिक्शा टेंपो चालक वेलफेयर एसोसिएशन, क्रांतिकारी किसान मंच, प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच आदि संगठन शामिल थे। सभा व काकोरी शहीद संदेश यात्रा में संजीव मेहरोत्रा, मुकेश सक्सेना, एड. टी डी भास्कर, अवतार सिंह, एडवोकेट आरम सिंह, आदेश दिवाकर, संजय, देव सिंह, दिशा, निशा, अंशिका, गुंजन, एडवोकेट टी आर लोधी, एड. वीरेंद्र कुमार, एड. अखिलेश सिंह, सर्वेश मौर्य, इरशाद अहमद, आबिद हुसैन, मंगल सेन, झम्मन लाल, घनश्याम, अरविंद राजपूत, लाल जी सिंह, राजेश गंगवार, दिलीप कुमार, दीपक कुमार, उपेश कुमार, अब्दुल्ला कुरैशी, मुकेश राजपूत, कुलदीप राणा, केसर सिंह बाल्मीकि, के पी सिंह, सतेंद्र कुमार, गणेश, हिमांशु सिंह, प्रशांत पटेल, मोहित देवल सहित कई लोग शामिल रहे।