दरवारे बशीरी से ज़रूरतमंदों को मिलता हैं फ़ैज़, 78वे कुल में बड़ी तादाद में उमड़े अकीदतमंद
बरेली । गुलाब नगर स्थित दरगाह हज़रत बशीर मियाँ रहमतुल्लाह अलेह पर उर्स के तीसरे दिन की शुरुआत बाद नमाज़ ए फ़ज़र कुरआन ख्वानी से हुए,उर्स कमेटी के अहमद उल्लाह वारसी ने बताया कि दरगाह शाह शराफत मियाँ के सज्जादानशीन मोहम्मद गाज़ी सकलैनी उल कादरी ने दरगाह हज़रत मोहम्मद बशीर मियाँ रहमतुल्लाह अलेह पर चादरपोशी व गुलपोशी कर दुआएं खैर की और सलाम पेश की। इसी तरह अन्य मोहल्लों से चादरपोशी के जुलूस मज़ार शरीफ़ पर हाज़री देने के लिये दिनभर आते रहे। दरगाह के मौलाना मुक़ीम मियाँ बशीरी ने हज़रत मोहम्मद बशीर मियाँ रहमतुल्लाह अलेह की शख्सियत को बयाँ करते हुए कहा कि आप खुरासान से बरेली शरीफ़ तशरीफ़ लाएं,आपका लंगर दुनियाभर में मशहूर हैं,इंसानी खिदमात के साथ साथ चरिन्दों परिंदों को भी लंगर किया करते,आपके लंगरखाने में कभी अनाज खत्म न हुआ,बशीरी दरवार से हर ज़रूरतमंद को फ़ैज़ हासिल होता हैं,बचपन में ही हज किया,रोज़ा नमाज़ के पाबंद रहे,दरगाह बशीरी से कौमी एकता भाईचारे का पैगाम आम किया
जाता हैं,मन की मुरादे अल्लाह के करम से पूरी होती है।इसी कड़ी में नातो मनकबत का नज़राना पेश किया गया। बाद नमाज़े असर शाम 4 बजकर 30 मिनट पर हज़रत मोहम्मद बशीर मियाँ रहमतुल्लाह अलेह के 78 वें कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई,खुसूसी दुआ में मुल्क व आवाम की तरक़्क़ी,खुशहाली, क़ामयाबी,सलामती,कौमी एकता भाईचारे के साथ साथ बीमारों की शिफ़ा और बेरोजगारों को रोज़गार के लिये बुज़ुर्गों के वसीले से अल्लाह पाक से दुआएं माँगी गई।अकीदतमंदों को लंगर तबर्रूक बाँटा गया।
जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खान वारसी ने कहा कि उर्स में लगे सभी लोगों ने दूरदराज से आये ज़ायरीन की सेवा की जोकि काबिले तारीफ़ हैं बड़ी तादात में कुल शरीफ़ में अकीदतमंद शामिल हुए,अल्लाह पाक बुज़ुर्गों के वसीले से अकीदतमंदों की नेक दुआओ को कुबूल फरमायें,हम सब भी नेकियों के रास्तों पर चले और बुजुर्गों के नक्शे कदम पर चलते हुए एक दूसरे के सहयोगी बने। उर्स के व्यवस्था प्रभारी अहमद उल्लाह वारसी ने बताया कि बुधवार को सुबह 10:30 बजे एहम तबरूखत की ज़ियारत अकीदतमंदों को कराई जाएगी, उर्स के मौके पर डॉ सय्यद शकील अली,ताज़ीम मियाँ साबिर बशीरी,मौलाना मुक़ीम मियाँ बशीरी,अहमद उल्लाह वारसी,पम्मी वारसी,हाजी नज्म शम्सी,अबरार हुसैन,कलीम मियाँ बशीरी,इक़बाल सकलैनी बशीरी, आसिफ़ कुरैशी वारसी,शारिक बशीरी,मोहम्मद काज़िम बशीरी,अब्दुल अज़ीज़,जावेद,फ़ाज़िल खान,अहसन मियाँ,ज़ामिन मियाँ,कैफ मियाँ,सलमान बशीरी,सुब्हान बशीरी,राजू बशीरी,फईम बशीरी,तौकीर बशीरी,अतहर वारसी,इम्तेयाज़ बशीरी,वसीम बशीरी,काशिफ़ आदि सहित बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल रहे।