बरेली । दुनिया भर में 19 नवम्बर को विश्व टॉयलेट दिवस मनाया जा रहा है लेकिन पीलीभीत बाईपास रोड स्थित बरेली की सबसे बड़ी और पॉश कालोनी महानगर में आर्यन प्लाजा के शौचालयों की स्थिति बेहद शर्मनाक है। कालोनी में लगभग 1500 मकान हैं और सैकड़ों घरेलू काम करने वाली महिलाएं भी रोजाना सुबह – शाम घरों में सहायिका का काम करने आतीं हैं। पूरी कालोनी में उनके लिए कोई सुरक्षित टॉयलेट नहीं है। एक ओर देश महिला सशक्तिकरण के पांचवें चरण में चल रहा है और दूसरी ओर महिलाओं के मान – सम्मान की यह स्थिति है। फाउंटेन के पास आर्यन प्लाजा में बाजार बना हुआ है लेकिन उसमें प्रथम तल पर जो पांच शौचालय बने हुए हैं उनमें से चार में किवाड़ नहीं हैं और टॉयलेट्स में पानी – बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए उन्हें सुरक्षित नहीं कहा जा सकता। महानगर कालोनी धौरेरा माफी ग्राम पंचायत का हिस्सा है और नगर निगम के अन्तर्गत नहीं आती है। ग्राम पंचायत भी ओ डी एफ प्लस चयनित है। महानगर कालोनी में रेजीडेंट वैलफेयर एसोसिएशन नाम की संस्था भी काम कर रही है, जिसकी अध्यक्ष भी एक महिला हैं लेकिन घरों में काम करने आने वाली महिलाओं के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, जहां वे टॉयलेट नि संकोच और निर्भय होकर जा सकें। कालोनी में घरों में काम करने आने वाली इन महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेजीडेंट वैलफेयर एसोसिएशन ने ” यहाँ पेशाब करना मना है। पकड़े जाने पर जुर्माना लगेगा ” छपे फ्लैक्सी बैनर तो लगवा दिए हैं लेकिन महिलाओं के मान – सम्मान की चिंता नहीं है। ऐसे में ये महिलायें जहां – जहां सड़क किनारे क्यारियों में / पेड़ की आड़ में सुरक्षित स्थान टॉयलेट जाने के लिए तलाशने के मजबूर हो जाती हैं। जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर उचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है।