प्रदेश के किसानों को मिल रहा है, उनकी उपज का उचित मूल्य
बदायूँ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ वर्ष 2024-25 में मूल्य समर्थन योजना के तहत धान खरीद नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के अन्तर्गत सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,300 रुपये प्रति कुन्तल और ग्रेड-ए धान का 2320 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया है, जिसमें गतवर्ष से 117 रुपये प्रति कुन्तल की दर से बढ़ोत्तरी की गयी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक सलाहकार मूल्य संकेत है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में कृषि नीतियों के एक बड़े समूह का हिस्सा है। यह अनौपचारिक समर्थन मूल्य के विपरीत सरकार द्वारा अनुशंसित है और इसका उद्देश्य किसान को फसल के लिए न्यूनतम लाभ सुनिश्चित करना है और साथ ही देश में खाद्य सुरक्षा बढ़ाना है। एमएसपी शुरू में 1960 के दशक में कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए एक प्रोत्साहन था, हालांकि वर्ष 2000 के दशक से इसे बाजार हस्तक्षेप और किसान आय योजना के रूप में देखा जाता है। ऐसी मूल्य नीति की प्रभावशीलता राज्यों और वस्तुओं के बीच व्यापक रूप से भिन्न होती है। एमएसपी के अस्तित्व के बारे में किसानों के बीच जागरूकता लाया जा रहा है। भारत सरकार दो दर्जन से अधिक कृषि फसलों की कीमत साल में दो बार निर्धारित करती है। समर्थन मूल्य एमएसपी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर तय किया जाता है, कृषि मंत्रालय के तहत मूल्य निर्धारण नीति के लिए एक शीर्ष सलाहकार निकाय है। सीएसीपी राष्ट्रीय आवश्यकताओं, उपलब्ध संसाधनों, किसान, मजदूरी, जीवन यापन की लागत और उत्पाद प्रतिस्पर्धात्मकता सहित विभिन्न कारकों के अनुसार मूल्य निर्धारण की सिफारिश करता है। हालांकि कभी-कभी सीएसीपी द्वारा अनुशंसित कीमतों और सरकार द्वारा अनुशंसित कीमतों के बीच बड़े अंतर होते है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) राज्य स्तर पर एमएसपी लागू करने में शामिल है। किसानों को समर्थन मूल्य प्रदान करते समय, एमएसपी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी समर्थन करता है जो रियायती दर पर भोजन प्रदान करता है। किसी कृषि उपज (जैसे गेहूँ धान आदि) का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जिससे कम मूल्य देकर किसान से सीधे वह उपज नहीं खरीदी जा सकती। न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत सरकार तय करती है।
प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का धान क्रय कर उन्हें उनकी फसल का वाजिब मूल्य दे रही है। धान की बिक्री हेतु किसानों को खाद्य तथा रसद विभाग की बेवसाइट fcs.up.gov.in अथवा विभाग के मोबाइल ऐप यूपी किसान मित्र पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। प्रदेश के पंजीकृत किसानों से ही धान क्रय किया जा रहा है। कृषक का बैंक खाता, आधार सीडेड (बैंक खाता आधार कार्ड से जुड़ा हो) एवं बैंक द्वारा एनपीसीआई पोर्टल पर मैप एवं सक्रिय होना आवश्यक है। किसानों से क्रय किये गये धान के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से सीधे किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खाते में की जा रही है। धान खरीद वर्ष 2024-25 में किसानों को कामन धान का मूल्य रु0 2300 प्रति कुन्तल एवं ग्रेड-ए धान का रु0 2320 प्रति कुन्तल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष बटाईदार कृषकों द्वारा भी पंजीकरण/नवीनीकरण कराते हुए धान को क्रय केन्द्रो पर बेचने की स्वीकृति दी है। किसान को धान की उतराई, छनाई वे सफाई की मद में अधिकतम रू0 २० प्रति कुन्तल की दर से दिया जायेगा। शासन स्तर से 4000 क्रय केन्द्र निर्धारित किये गये है, किन्तु स्थानीय किसानों पर बेचने की सुविधा और आवश्यकताओं के दृष्टिगत जिलों पर अतिरिक्त क्रय केन्द्र खोले जा सकते है। प्रदेश के समस्त क्रय केन्द्रों पर समस्त व्यवस्थायें पूर्ण कराते हुए किसानों के बैठने, पीने के पानी आदि की व्यवस्था की गई है। क्रय केन्द्रों पर पंजीकृत किसानों से राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन के उपरान्त इलेक्ट्राॅनिक प्वाइंट आॅफ परचेज के माध्यम से किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन के उपरान्त धान खरीद की जा रही है। प्रदेश में किसानों से धान क्रय करते हुए सरकार उनकी उपज का उचित मूल्य दे रही है। इस खरीद नीति से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।