संघटक राजकीय महाविद्यालय में गीत,कविता प्रतियोगिता,श्रमदान व पौधारोपण कर मनाया हिन्दी दिवस
बदायूँ। संघटक राजकीय महाविद्यालय सहसवान में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में श्रमदान, पौधारोपण व शपथ लेकर हिन्दी दिवस मनाया । गीत व कविता प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें छात्र-छात्राओं ने भक्तिकाल व मध्ययुगीन कवियों की कविताओं का सस्वर वाचन किया कार्यक्रमके लिए प्राचार्य डॉ.गुरदीप सिंह उप्पल ने सभी को शुभकामनाएं दीं। हिन्दी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शुभ्रा माहेश्वरी व डॉ सुरजीत सिंह मौर्य के निर्देशन में गीत एवं कविता प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें कु.आन्या साहू, शिवानी ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किया। डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी ने कहा कि हम अपने घर से ही हिंदी को प्रयोग में लाएं जिसके लिए हम हिंदी में हस्ताक्षर करें। सोशल मीडिया पर हिंदी का सर्वाधिक प्रयोग करें। काव्य मय अंदाज में डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी ने कहा -‘हिंदीमय हो जाए भारत ऐसा हम सम्मान करें।जब भी हम कुछ काम करें हिंदी में ही काम करें।। हिन्दी एकता की संवाहक हम बने इसके आराधक, वाणी से निसृत हिन्दी भाषा हो ऐसा अब परिणाम रचें।
।’ डॉ. सुरजीत सिंह मौर्य ने कहा- कि’ हिंदी हमारी राजभाषा है और हिंदी को हम हमेशा प्रयोग में लाते रहे।रब ने खुद ही जगा दिया मुझको ,जाने खुद ही उठा दिया मुझको गजल द्वारा अपने विचार व्यक्त किए।डॉ. सूर्य प्रताप गौतम ने अपनी गजल व गीत के द्वारा हिन्दी को प्रगति देने की बात कही ,प्रेम का इक जहान होता है।डॉ. नवीन ने हरिओम पंवार की कविता द्वारा देशभक्ति व अपनी भाषा प्रेम को लेकर राष्ट् के लिए समर्पण की बात कही।डॉ. रजनी गुप्ता ने कहानी के माध्यम से प्रेरणा दी।डा. पारुल अग्रवाल ने गणित की गिनती व पहाड़ो के माध्यम से हिन्दी को बोलने को प्रेरित किया। डॉ. शुभ्रा शुक्ला ने भजन सुनाते हुए हिन्दी महीने व कृष्ण व शुक्लपक्ष के बारे में जानकारी दी। डॉ. ब्रह्मस्वरूप ने विद्यार्थियों को अनुशासित जीवन व तरक्की के मार्ग पर जाने की राह दिखाई।कार्यक्रम में डॉ. रजनी गुप्ता ,डॉ. पारुल अग्रवाल,डॉ. शुभ्रा शुक्ला, डॉ. नवीन, डॉ. राजेश,डॉ. सूर्य प्रताप गौतम, डॉ. ब्रह्मस्वरूप, डॉ टेकचंद,डॉ नीति सक्सेना आदि शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए। शिक्षकों ने श्रमदान कर व पौधारोपण कर हिन्दी-दिवस को धूमधाम से मनाया। छात्र- छात्राओं में अर्पिता,आन्या साहू,ज्योति ने समूहगान सुनाया,गुलिस्तां ने अमीर खुसरो की कब्बाली छाप तिलक सब छीनी रे सुनाई , अखिलेश व रत्नेश ने भजन सुनाया, रानी ने गीत ,सोनिका व डॉ.शुभ्रा माहेश्वरी ने सूरदास का पद ये तो प्रेम की बात है ऊधौ का गायन किया। शिक्षणेत्तर कर्मचारी मुकुल की उपस्थिति रही।
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