बरेली। भादो महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्थी से भगवान श्री गणेश का महोत्सव आरंभ हो रहा है। यह पर्व 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी तक चलेगा। बरेली में गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार गणेश महोत्सव की धूम सात से 17 सितंबर तक रहेगी। अंतिम दिन 17 सितंबर को पूजा के बाद गणपति बप्पा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। इस बार स्थापना के दिन ब्रह्म योग रहेगा। विघ्नहर्ता इस बार ब्रह्म योग में विराजकर अपने सभी भक्तों के संकटों को दूर कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा ने बताया कि स्थापना के दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी व्याप्त रहेगा। साथ ही इस दिन सूर्य और बुध ग्रह एक साथ सिंह राशि में विद्यमान होंगे, जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा। यह योग समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है।गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहते हैं। इसी दिन भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। इस चतुर्थी के दिन आकाश में चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। इस दिन चंद्रमा देखने से कलंक लगता है।गणेश चतुर्थी पर सुबह स्नान के बाद जहां गणेश प्रतिमा स्थापित करनी है उत्तर की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं। तब गणेश प्रतिमा की स्थापना करें। इसके बाद उन्हें विधिपूर्वक पूजा की सामग्री अर्पित करते हुए ॐ गं गणपतये नमो नम: मंत्र का जाप करें। लड्डू का भोग लगाएं और आरती कर सभी को प्रसाद वितरित करें। गणेश जी को दूर्वा अवश्य चढ़ाएं।शुभ का चौघड़िया प्रात: 7:29 से 9:02 तक। चर, लाभ, अमृत का चौघड़िया दोपहर 12:10 से शाम 4:51 तक।गणपति उत्सव की तैयारियां शहर में जोरों से चल रहीं हैं। गणेश चतुर्थी पर स्थापना के लिए जगह-जगह मूर्तियों की दुकानें सज गई हैं। कारीगर भगवान गणेश की मूर्तियों को आकार देने में जुटे हैं।