जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में 78 वां स्वतंत्रता दिवस रंगारंग कार्यक्रमों के साथ मनाया गया

उझानी। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में 78 वां स्वतंत्रता दिवस विद्यालय परिसर में बहुत ही धूमधाम से मनाया गया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि चेयरमैन प्रदीप गोयल व डायरेक्टर आभा गोयल , मैनेजर शुभम गोयल व मैनेजिंग कमेटी की सदस्य प्रगति गोयल रहे । मुख्य अतिथि प्रदीप गोयल ने ध्वजारोहण किया तथा सभी उपस्थित जनों ने राष्ट्रीय गान गया तथा नारों द्वारा जय- जय कर, देश के लिए सम्मान प्रदर्शित किया ।कार्यक्रम की शुरुआत में छात्रों ने स्वागत गीत द्वारा मुख्य अतिथियों का सम्मान किया उसके उपरांत कक्षा नर्सरी तथा एलजी के छात्रों नें “माइम एक्ट” तथा यूकेजी के छात्रों ने “फिर भी दिल है हिंदुस्तानी” में नृत्य प्रस्तुत कर सभी उपस्थित लोगों का मन मोह लिया ।कक्षा 8 के छात्र अतुल ने अपने भाषण से देशवासियों को स्वतंत्रता का महत्व बताते हुए समाज में जागृति लाने का प्रयास किया। विभिन्न कक्षा के छात्रों ने ” जय जन भारत “गीत से सभी को ओतप्रोत कर दिया ।कक्षा 8 की छात्रा पावनी ने लक्ष्मी बाई बन “सोलो एक्ट” प्रस्तुत किया तथा कक्षा तीन व चार के छात्र-छात्राओं ने गीत “तेरी मिट्टी में मिल जावां “से सभी को भावुक किया तथा कक्षा 7 की छात्रा चांदनी ने” वीर रस ” की कविता से सभी को उत्साहित किया तथा नृत्य नाटिका “जब जीरो दिया मेरे भारत ने” सब का मन मोह लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि चेयरमैन प्रदीप गोयल जी ने सभी को स्वतंत्रता का महत्व बताया तथा हमें हमारे कर्तव्य से अवगत कराते हुए देश की समस्यायों से लडने व उसे दूर करने के लिए सभी को प्रेरित किया। उन्होंने इस अवसर पर हमें हमारे देश के वीर शहीदों की याद दिलाई व देश प्रेम का महत्व भी बताया। प्रधानाचार्य पुष्पराज सिंह ने मुख्य अतिथि चेयरमैन प्रदीप गोयल जी, डायरेक्टर आभा गोयल, मैनेजर शुभम गोयल व मैनेजिंग कमेटी की सदस्य प्रगति गोयल को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया तथा उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि किस तरह हमारे देश भक्तों ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अपने देश पर न्योछावर हो गए ,जिसके परिणाम स्वरूप आज हम स्वतंत्र हैं उन्होंने यह भी बताया कि जिस तरह से हमारे देश के वीर सैनिक ,देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे देश की सीमा पर प्रहरी के रूप में खड़े रहते हैं और समय-समय पर आज भी अपने प्राणों का बलिदान देते रहते हैं, उसी प्रकार हम सभी को स्वार्थ छोड़कर, अपने अपने कर्तव्यों का पालन देश हित में करना चाहिए। उन्होंने अपनी कविता “किसी बहना की राखी को , तरसता छोड़ आया हूं…. ” के द्वारा सभी को देश भक्ति के जज्बे से भर दिया । उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाओं तथा सहायक स्टाफ को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का समापन सभी विद्यार्थियों को मिष्ठान वितरित करके हुआ।