बदायूँ। जिला कृषि अधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह ने बताया कि कृषि निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरकों के नाम पर अन्य उत्पाद का विक्रय किये जाने एवं विक्रय केन्द्रों पर जैविक डी०ए०पी०, बायो डी०ए०पी०, आर्गेनिक डी०ए०पी०, डी०ए०पी० का विकल्प आदि भ्रामक नामों से उत्पादों की अवैध रूप से बिक्की किये जाने के संबंध में प्राप्त सूचनाओं के क्रम में निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने समस्त उर्वरक विनिर्माता कम्पनी, थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि उन्ही उत्पादों का विनिर्माण/विक्रय/भण्डारण/ परिसंचलन किया जाये, जो कि उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश, 1985 में वर्णित हो अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित हो। इसके अतिरिक्त ऐसे किसी भी उत्पाद का विक्रय न किया जाये, जिसके उर्वरक होने का भ्रम हो अथवा उर्वरकों के स्वरूप से मिलता-जुलता हो। उन्होंने कहा कि फॉस्फेट रिच आर्गेनिक मैन्योर के प्रकरणों में यह सुनिश्थित किया जाये कि उनके बैगों में जैविक डी०ए०पी०, बायो डी०ए०पी०, आर्गेनिक डी०ए०पी०, डी०ए०पी० का विकल्प, भारत डी०ए०पी०, डी0ओ0पी0 व पोटास ड्राइब्ड फ्राम, मोलेसिस के प्रकरणों में यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके बैगों पर पोटाश इत्यादि अंकित न हो। उन्होंने कहा कि निर्देशों का अनुपालन न करने पर संबंधित के विरूद्व सुसंगत अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।